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Hindi News भारत राष्ट्रीय Corona Second Wave: केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से ICU बिस्तर-एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने को कहा

Corona Second Wave: केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से ICU बिस्तर-एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने को कहा

केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश को पृथकवास, ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तर तथा एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा कोविड-19 के मामलों का जल्द पता लगाकर मृत्यु दर में कमी लाने एवं राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल का पालन करने का सुझाव दिया। 

केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से ICU बिस्तर-एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने को कहा - India TV Hindi Image Source : PTI/REPRESENTATIONAL IMAGE केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से ICU बिस्तर-एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने को कहा 

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश को पृथकवास, ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तर तथा एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा कोविड-19 के मामलों का जल्द पता लगाकर मृत्यु दर में कमी लाने एवं राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल का पालन करने का सुझाव दिया। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के साथ छत्तीसगढ़ एवं उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की तथा गैर जरूरी यात्रा नहीं करने तथा सार्वजनिक स्थलों पर भीड़भाड़ रोकने का सख्ती एवं प्रभावी ढंग से पालन करने पर जोर दिया। 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के साथ महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं, जहां एक लाख से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं। छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के प्रतिदिन काफी संख्या में नये मामले सामने आ रहे हैं और मौतें भी हो रही हैं। छत्तीसगढ़ में सात दिनों की गतिशील औसत के आधार पर साप्ताहिक नये मामले में तकरीबन 6.2 प्रतिशत वृद्धि की रिपोर्ट है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘पिछले दो सप्ताह में राज्य में साप्ताहिक नये मामलों में तकरीबन 131 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। छत्तीसगढ़ में 22 जिलों ने पिछले 30 दिनों में सर्वाधिक मामलों की संख्या को पार कर लिया है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित रायपुर, दुर्ग, राजनंदगांव और बिलासपुर सबसे अधिक प्रभावित हैं।’’ इसमें कहा गया है कि 17-23 मार्च 2021 के सप्ताह की तुलना में 7-13 अप्रैल 2021 को समाप्त सप्ताह में आरटी-पीसीआर जांच घटकर 28 प्रतिशत (34 प्रतिशत से) रह गई जबकि एंटीजन जांच बढ़कर 62 प्रतिशत (53 प्रतिशत से) हो गयी है । 

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रतिदिन नये मामलों की वृद्धि दर 19.25 प्रतिशत रिपोर्ट की गई है । उत्तर प्रदेश में पिछले 30 दिनों में 46 जिले कोरोना के मामलों के संदर्भ में अपने सर्वाधिक स्तर को पार कर गए हैं। इन जिलों में लखनऊ, कानपुर, बनारस और प्रयागराज सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। इसमें कहा गया है कि 17-23 मार्च 2021 के सप्ताह की तुलना में 7-13 अप्रैल 2021 को समाप्त सप्ताह में आरटी-पीसीआर जांच घटकर 46 प्रतिशत (48 प्रतिशत से) रह गई है जबकि एंटीजन जांच बढ़कर 53 प्रतिशत (51 प्रतिशत से) हो गई है । 

बैठक के दौरान अस्पतालों में आधारभूत ढांचे की कमी की खबरों पर भी चर्चा की गई जिसमें अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बिस्तर, आईसीयू आदि शामिल हैं । इसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच में परेशानी आ रही है । राज्यों को पृथकवास, ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तर तथा एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने तथा कोविड-19 के मामलों का जल्द पता लगाकर मृत्यु दर में कमी लाने एवं राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकाल का पालन करने का सुझाव दिया । 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सूचित किया कि 10 लीटर और 45 लीटर के सिलिंडर सहित ऑक्सीजन सिलिंडर की राज्यों की मांग तथा अतिरिक्त वेंटीलेटर उपलब्ध कराने के उनके आग्रह को जल्द पूरा किया जायेगा । केंद्र सरकार ने 12 राज्यों में कोविड-19 के दैनिक मामले बढ़ने के बीच ऑक्सीजन उत्पादन के स्रोतों का आकलन किया है। केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने केन्‍द्रीय मंत्रालयों और उनके पीएसयू को राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 प्रबंधन के लिए अपने अस्‍पताल के बेड समर्पित करने की सलाह दी। ऐसे समर्पित अस्‍पतालों/ब्‍लॉक का विवरण आम जनता को भी उपलब्‍ध कराया जाएगा। 

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मोबाइल जांच लैब सहित अधिक संख्या में जांच लैब स्थापित करने का सुझाव दिया है । व्यापक समीक्षा के बाद कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि से निपटने के लिये पांच सूत्री रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। इसके तहत राज्यों से सभी जिलों में 70 प्रतिशत आरटी पीसीआर जांच करने तथा घनी आबादी वाले क्षेत्रों में छांटने के लिये रैपिड एंटीजन जांच करने को कहा है। इसके अलावा समय पर पता लगाने, निषिद्ध करने एवं निगरानी बढ़ाने तथा संक्रमण की श्रृंखला पर रोक लगाने के उपाय करने को कहा गया है। 

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