नई दिल्ली: केंद्र सरकार अगले महीने एक प्रमुख नीति सार्वजनिक कर बड़ा रक्षा उत्पादन उद्योग बनाने और भारत को अगले 10 साल में सैन्य उपकरणों के शीर्ष पांच निर्माताओं में शामिल करने का खाका पेश करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके बाद इसे मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रक्षा उत्पादन नीति (डीपीपी-2018) का प्रमुख जोर लड़ाकू विमानों, लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और स्वदेशी हथियारों सहित अत्याधुनिक सैन्य प्लैटफॉर्मों के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की खातिर पर्याप्त संसाधनों में निवेश पर होगा।
सूत्रों ने बताया कि डीपीपी-2018 अगले महीने जारी किए जाने की संभावना है। नीति के मसौदे के मुताबिक, सरकार वर्ष 2025 तक सैन्य वस्तुओं एवं सेवाओं में 1,70,000 करोड़ रुपए के कारोबार को हासिल करने के बारे में सोच रही है।
स्वीडन के एक थिंक टैंक ने मार्च में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले पांच साल में भारत दुनिया में सैन्य हार्डवेयर का सबसे बड़ा आयातक रहा है। वर्ष 2004-08 की तुलना में भारत द्वारा पिछले पांच साल में प्रमुख हथियारों के आयात में 111 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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