नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास पर मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर कथित हमले के मामले में आरोपपत्र दायर करने से पहले आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना की रात मुख्यमंत्री के निवास के कैमरों में नजर आ रहा समय वास्तविक समय से करीब 40 मिनट पीछे है।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसी हफ्ते फॉरेंसिक रिपोर्ट मिली है। हालांकि रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि प्रकाश पर कथित हमले के समय के आसपास कैमरों या घड़ी में छेड़छाड़ की गई थी या नहीं, या फिर इसे इस तरह सेट किया गया था।
पुलिस की टीम ने सिविल लाईंस में केजरीवाल के निवास पर लगे सीसीटीवी कैमरे 23 फरवरी को खंगाले थे और जांच के लिए सीसीटीवी प्रणाली का हार्ड डिस्क जब्त कर लिया था। मुख्यमंत्री के आवास पर 14 कैमरे काम कर रहे थे जबकि सात काम नहीं कर रहे थे। पुलिस ने कहा था कि कैमरों से लगता है कि कथित हमले के समय वक्त 40.43 मिनट पीछे चल रहा है। अब फोरेंसिक रिपोर्ट में उसकी पुष्टि हुई है।
दिल्ली पुलिस शीघ्र ही आरोप पत्र दायर कर सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम जांच के आखिर चरण में हैं। आरोपपत्र तैयार किया जा रहा है।’’
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर 19 फरवरी को केजरीवाल के निवास पर एक बैठक के दौरान कथित रुप से हमला किया गया था। पुलिस ने कहा है कि केजरवाल हमले के वक्त मौजूद थे। पुलिस ने बैठक में मौजूद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 11 आप विधायकों से पूछताछ की है। केजरीवाल के पूर्व सलाहकार वी के जैन भी वहां मौजूद थे।
Latest India News