नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा 12वीं कक्षा की बायोलॉजी की परीक्षा में एक ऐसा सवाल पूछा गया, जिसने न सिर्फ विद्यार्थियों को भौंचक्का कर दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी हंगामा मचा दिया। बायोलॉजी के पेपर में सीबीएसई ने छात्रों से दफनाने या जलाने में क्या बेहतर है, इस संबंध में सवाल पूछा था।
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सीबीएसई द्वारा पूछा गया सवाल इस प्रकार था...
"संपूर्ण भारत की जनता उत्तरी भारत के बड़े भाग की वायु की बिगड़ती हुई गुणवत्ता को लेकर बहुत अधिक चिंतित है... इस स्थिति से संत्रस्त होकर आपके इलाके की रिहायशी कल्याण संस्था ने 'दफ़नाइए, जलाइए मत' जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया... जीव-विज्ञान के विद्यार्थी होने के नाते संस्था ने इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है...
a) दफ़नाने को बढ़ावा देने तथा जलाने को निरुत्साहित करने के आपके तर्क की पुष्टि किस प्रकार करेंगे...? (कोई दो कारण दीजिए)
b) प्रवाह-चार्टों, प्रत्येक कार्यवाही के लिए एक-एक, की सहायता से, कार्यवाही के पश्चात् होने वाली परिघटनाओं की शृंखला की चर्चा कीजिए..."
अब यह मामला तूल पकड़ गया है। लोगों का कहना है कि धार्मिक रीति रिवाजों में सीबीएसई को दखल देने की क्या जरूरत है। लोगों का यह भी कहना है कि वायु प्रदूषण का बॉयोलॉजी से क्या लेना देना है। ट्विटर पर एक यूज़र ने मानव संसाधन एवं विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को टैग करते हुए प्रश्नपत्र को अपलोड किया, और पूछा कि क्या उन्हें विद्यार्थियों से अंतिम संस्कारों की विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में ऐसे सवाल पूछे जाने की जानकारी है।
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