मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: बच्चियों से यौन उत्पीड़न मामले की जांच का जिम्मा CBI को
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक शेल्टर होम में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में CBI ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केस दर्ज कर लिया है।
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक शेल्टर होम में लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में CBI ने राज्य सरकार के अनुरोध पर केस दर्ज कर लिया है। मामला यहां के बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के मानसिक, शारीरिक एवं यौन उत्पीड़न से संबंधित है। CBI ने बालिका गृह के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि इस मामले के खुलासे से देश में एक बार फिर बच्चियों के प्रति यौन अपराधों को लेकर आक्रोश का माहौल है।
यूं सामने आया मामला
इस केस के बारे में जानकारी देते हुए CBI के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘आरोप है कि सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह के अधिकारियों और कर्मचारियों ने यहां रह रही बालिकाओं का मानसिक, शारीरिक एवं यौन उत्पीड़न किया।’ यह मामला तब प्रकाश में आया जब इस साल के शुरू में मुम्बई स्थित एक संस्थान द्वारा किए गए बालिका गृह के सोशल ऑडिट के आधार पर बिहार सामाजिक कल्याण विभाग ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि बालिका गृह में कई लड़कियों ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। शिकायतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।
34 बच्चियों से हुई रेप की पुष्टि
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेडिकल जांच में अब तक कम से कम 34 बच्चों के साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है। कुछ पीड़ितों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीले पदार्थ दिए जाते थे और उनके साथ मारपीट की जाती है। उन्होंने बताया कि इसके बाद उनके साथ रेप किया जाता था। कई बच्चियों ने बताया कि उन्हें अक्सर पेट में दर्द की शिकायत होती थी और कई लड़कियां सुबह खुद को निर्वस्त्र पाती थीं। एक नाबालिग बच्ची ने पुलिस को जानकारी दी कि उन्हें रात को खाने के बाद सफेद और गुलाबी रंग की गोलियां दी जाती थीं जिसे खाकर वे सो जाती थीं।
डॉक्टरों को मिली दवाइयां
आपको बता दें कि FIR लिखे जाने के दो महीने बाद डॉक्टरों की एक टीम ने वहां पहुंचकर एक कमरे की जांच की है। डॉक्टरों की टीम ने वहां इस्तेमाल कि गईं 63 दवाइयों और ड्रग्स के रैपर्स की एक सूची बनाई है। उन सभी का परीक्षण किया जाएगा। मुजफ्फरपुर में बालिका गृह चलाने वाले NGO को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है और लड़कियों को पटना एवं मधुबनी के बालिका गृहों में ट्रांसफर कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस ने मामले में बालिका गृह की महिला कर्मचारियों और NGO चलाने वाले ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया है।