नई दिल्ली। नेवी की सबमरीन की गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किए नेवी के मौजूदा अफसर और रिटायर्ड अफसरों के खिलाफ दर्ज मामले में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट ऐड करने के लिए भारत सरकार से परमिशन मांगी है। आज एक आरोपी की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट में ये बात रखकर आरोपी की जमानत का विरोध किया और बताया गया भारतीय सबमरीन की गोपनीय जानकारियां लीक करने का मामला नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है, ऐसे में दर्ज एफआईआर में OSA यानी ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट सेक्शन ऐड करने के लिए भारत सरकार से परमिशन मांगी गई है। इस मामले में सीबीआई 2 नवंबर को दो चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
सीबीआई ने दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की थी, दोनों 2 नवंबर को फाइल की गई थी। पहली चार्जशीट रिटायर्ड नेवी अफसर एसजे सिंह और रिटायर्ड कमांडर और कोमोडोर रिटायर्ड रणदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। नेवी के एक अलग प्रोजेक्ट की लीक के मामले में इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। रंदीप से 2.40 करोड़ रुपए मिले थे जिसमें से 2.9 करोड़ रुपए ट्रेप मनी थी जो रंदीप, एसजे सिंह को दे रहा था। इसके अलावा दूसरी चार्जशीट टोटल 6 लोगों के खिलाफ की गई है, जिसमें ये दोनों रिटायर्ड नेवी अफसर के साथ दो सर्विंग नेवी अफसर दोनों कमांडर अजित कुमार पांडे और जगदीश कुमार हैं।
इनके अलावा प्राइवेट लोग जो कि हैदराबाद की प्राइवेट कंपनी के है जिसमें एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर टीपी शास्त्री, एनवी रॉव और के चंद्रशेखर है। इन 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट अलग दाखिल की थी, ये आखिरी तीन प्राइवेट लोग हैं। इस मामले में 19 जगह सीबीआई ने सर्च की थी।
जानिए क्या था पूरा मामला
सीबीआई ने भारतीय सुरक्षा से जुड़ी अहम जानकारी लीक करने के आरोप में नोसेना के एक कमांडर रैंक के सर्विंग ऑफिसर जो फिलहाल मुम्बई में पोस्टेड थे उन समेत दो रिटार्यड नेवी अफसर और 2 प्राइवेट लोगों को गिरफ्तार किया। इस इस मामले में अबतक कुल 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। Kilo Glass Submarine Modernisation Project to Retired Officers से जुड़ी कॉन्फिडेंशियल इन्फॉर्मेंशन लीक करने के मामले में ये गिरफ्तारियां की गई है। दरअसल, ये पूरा मामला पिछले महीने भारतीय नेवी के सीनियर अफसरों के सामने आया। जिसके बाद नेशनल सिक्योरिटी के मध्यनजर इसकी जांच भारत सरकार के इंटरवेंशन के बाद पहले नेवी के पांच अफसरों जिसे हेड vice admiral rank के अफसर कर रहे थे उनकी रिपोर्ट के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया था जिसके बाद ये गिरफ्तारियां हुई थी। सीबीआई ने इस मामले में 19 जगह रेड्स की गई थी जिसमें दिल्ली, मुंबई, नोएडा, हैदराबाद और कई जगह शामिल है। रेड्स के दौरान इस केस से जुड़े कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक एविडेन्स सीज किए गए थे।
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