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Hindi News भारत राष्ट्रीय CBI विवाद: CVC ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी 2 रिपोर्ट, अगली सुनवाई शुक्रवार को

CBI विवाद: CVC ने सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी 2 रिपोर्ट, अगली सुनवाई शुक्रवार को

वर्मा और अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद काफी गहरा गया था।

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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में बढ़े विवाद पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में अपनी 2 रिपोर्ट सौंप दी है, इस मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित की गई है। देश के सबसे पेचीदा अपराधों और विवादों को सुलझाने के लिए काम करने वाली CBI आजकल खुद विवादों के घेरे में हैं। कोर्ट ने CVC को निर्देश दिया था कि वह CBI निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की अपनी प्रारंभिक जांच 2 हफ्ते के अंदर पूरी करे। वहीं, वर्मा ने CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को बिंदुवार तरीके से नकारा है।

वर्मा, अस्थाना ने एक-दूसरे पर लगाए थे आरोप
वर्मा और अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद काफी गहरा गया था। बाद में केंद्र ने दोनों अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा दिया और दोनों से उनके सारे अधिकार वापस ले लिए थे। केंद्र के इन्हीं फैसलों को वर्मा ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने वर्मा की अर्जी पर सुनवाई की। अब यह मामला जस्टिस गोगोई और जस्टिस एसके कौल की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है।

CVC को जांच के लिए मिला था दो हफ्ते का वक्त
दो सदस्यीय पीठ से इस मामले की सुनवाई कराने का फैसला तब किया गया जब चीफ जस्टिस ने हाल में पत्रकारों से अपनी अनौपचारिक वार्ता में कहा कि सोमवार और शुक्रवार को सिर्फ दो सदस्यों वाली पीठें बैठेंगी। कोर्ट ने शीर्ष अदालत के पूर्व जज एके पटनायक को वर्मा के खिलाफ CVC जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा था। बीते 26 अक्टूबर को वर्मा की अर्जी पर हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र और CVC को नोटिस जारी किया था और CVC को जांच पूरी करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया था।

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