नई दिल्ली: केद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन ने चेन्नई के एक टेलीकॉम प्रमोटर सी. शिवशंकरन को अपनी हिस्सेदारी एयरसेल और दो मलेशियाई कंपनियों को साल 2006 में बेचने के लिए दबाब डाला था। सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी के समक्ष कहा कि मारन ने शिवशंकरन को अपनी हिस्सेदारी मैक्सिस कम्यूनिकेशन बरहद की तीन कंपनियों को बेचने के लिए मजबूर किया था, जो इस मामले में भी एक आरोपी है।
अदालत, आरोपी दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन और एयरसेल-मैक्सिस मामले में दूसरे आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुनवाई कर रही थी।
CBI ने मारन बंधुओं, राल्फ मार्शल, टी. आनंद कृष्णन, मेसर्स सन डायरेक्स टीवी प्राइवेट लिमिटेड, ब्रिटेन की मेसर्स एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मैक्सिस कम्यूनिकेशंस बरहद, मलेशिया की मेसर्स साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड और तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) जे.एस. शर्मा के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया है। शर्मा इस समय दिवंगत हो चुके हैं।
आरोप पत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और दूसरे भ्रष्टार निरोधक अधिनियम के तहत दाखिल किया गया है।
Latest India News