नयी दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 1989 बैच के लोक सेवक दंपत्ति अलका राजवंशी जैन और अमित जैन के खिलाफ आय से ज्ञात स्त्रोत से 5.5 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति कथित तौर पर जमा करने को लेकर मामला दर्ज करने के बाद शुक्रवार को जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में छापेमारी की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि उदयपुर में आयकर आयुक्त (अपील) के तौर पर तैनात भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी अलका जैन और उनके पति अमित जैन जो रेल विकास निगम लिमिटेड में समूह महाप्रबंधक के तौर पर तैनात भारतीय रेलवे इंजीनियरिंग सेवा अधिकारी हैं, का नाम चार्टर्ड अकाउंटेंट विकास राजवंशी के साथ प्राथमिकी में है। विकास राजवंशी ने ही दोनों की अवैध संपत्ति जुटाने में मदद की।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने ये छापे शुक्रवार को जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में आरोपियों के परिसरों में की। सीबीआई ने एक ‘‘विश्वसनीय स्रोत’’ से प्राप्त सूचना के आधार पर आरोप लगाया है कि दंपति ने अप्रैल, 2010 से जून, 2018 की अवधि के दौरान अपने नामों से ‘‘विशाल चल एवं अचल संपत्ति’’ का अधिग्रहण किया, जो उनके ज्ञात कानूनी स्रोतों से 5.53 करोड़ रुपये अधिक है।
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि दंपति के पास 2010 में 35.14 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति थी, जो जून 2018 में बढ़कर 8.80 करोड़ रुपये हो गई, जिसमें बैंक में जमा राशि, वाहन और उनके नाम से अचल संपत्ति शामिल हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि जैन दम्पति ने इस अवधि के दौरान वेतन, ऋण, जीपीएफ निकासी आदि के माध्यम से 3.72 करोड़ रुपये कमाए थे और कुल खर्च 80.06 लाख रुपये किया जिसमें उनके द्वारा बैंक से लिये गए ऋण का पुनर्भुगतान, शिक्षा आदि पर खर्च शामिल है, इस तरह से उनकी आय से अधिक सम्पत्ति 5.53 करोड़ रुपये बैठती है।
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