एक कॉल पर पहुंचा 80 से ज्यादा कैट्स एंबुलेंस, कर्मचारी हैरान
इस कार्य के लिए पहल की जा चुकी है जिसमें दो दिन पहले इसका ट्रायल भी लिया गया था। आपातकालीन स्थिती में मरीज़ को अस्पताल पहुंचाने के लिए जब बवाना के एक व्यक्ति द्वारा कॉल किया गया तो मौके पर 80 से ज्यादा कैटस एंबुलेंस वहां पहुंच गई।
नई दिल्ली: आज कल समय पर एंबुलेंस ना मिलने पर मरीजों की मौत की खबरें सुनने को मिलती है कि किस प्रकार एंबुलेंस की लापरवाही से रास्ते में ही किसी मरीज़ की मौत हो गई। जनता की इसी समस्या को दूर करने के लिए कैट्स एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की गई है। कैट्स एंबुलेंस सेवा का कंट्रोल रूम इस तरह बनाया गया है कि इलाज के लिए किसी मरीज या तीमारदार द्वारा 102 नंबर पर कॉल करने पर यह कॉल पास के किसी एंबुलेंस पर स्थानांतरित की जाएगी। जिसके बाद मौके पर एंबुलेंस पहुंच कर बिना देरी किए मरीज़ो को अस्पताल पहुचाएगी। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
इस कार्य के लिए पहल की जा चुकी है जिसमें दो दिन पहले इसका ट्रायल भी लिया गया था। आपातकालीन स्थिती में मरीज़ को अस्पताल पहुंचाने के लिए जब बवाना के एक व्यक्ति द्वारा कॉल किया गया तो मौके पर 80 से ज्यादा कैट्स एंबुलेंस वहां पहुंच गई। इस घटना के बाद एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हैरान हो गए। जहां एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी द्वारा इसे एंबुलेंस के जीपीएस सिस्टम में खराबी का नतीजा बता जा रहा है, वहीं एंबुलेंस सेवा के अधिकारी ने बताया कि यह तकनीकी खराबी नहीं बल्कि आपात स्थिती से निपटने की एक सुविधा है।
एंबुलेंस अधिकारी से जब 80 से ज्यादा कैट्स एंबुलेंस का एक साथ एक जगह पहुंचने का कारण पूछा गया तो उन्होनें बताया कि बवाना इलाके से इमरजेंसी नंबर पर कॉल आने के दौरान एंबुलेंस के जीपीएस सिस्टम में खराबी की जांच का निरीक्षण किया जा रहा था। जिस कारण यह कॉल 35 फीसद एंबुलेंस के पास पहुंची और मौके पर सभी एंबुलेंस बवाना की तरफ निकल गई। मौजूदा समय में एंबुलेंस के बाड़े में 240 एंबुलेंस तैनात किए गए है।
कैट्स एंबुलेंस सेवा के प्रशासनिक अधिकारी लक्ष्मण सिंह राणा ने कहा कि जीपीएस सिस्टम में कोई तकनीकी खराबी नहीं है। कंट्रोल रूम में आपदा कंट्रोल का विकल्प है जिसके तहत एक ही कॉल को एक साथ आपदा के समय कई एंबुलेंस को भेजा जा सकता है। जिससे जरूरत पड़ने पर एक समय में सभी एंबुलेंस को मौके पर रवाना किया जा सके। उन्होनें यह भी बताया कि यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध कराने में बिल्कुल भी देरी ना हो।
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