नई दिल्ली। एक आरोपी की जमानत खारिज करने वाली एक महिला मजिस्ट्रेट को यहां एक अदालत में कथित तौर पर धमकाने और उनका रास्ता बाधित करने के आरोपी 12 वकीलों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। राज्य न्यायिक अधिकारी संघ इस मामले को केरल उच्च न्यायालय ले गया था, जहां उसने अदालत से तुरंत दखल देने और अधिकारियों के लिए निडर होकर काम करने का माहौल सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि मजिस्ट्रेट की शिकायत पर त्रिवेंद्रम बार संघ के अध्यक्ष और सचिव समेत 12 वकीलों के खिलाफ लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल प्रयोग समेत कई आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। प्रथम श्रेणी की न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपा मोहन ने कुछ वकीलों के ‘उपद्रवी’ बर्ताव के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को लिखित में शिकायत दी।
इस शिकायत को पुलिस के पास भेजा गया। इस बीच, न्यायिक अधिकारी संघ ने घटना के बारे में केरल उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को शिकायत भेजी। इसमें कहा गया कि तिरुवनंतपुरम बार संघ के कुछ सदस्यों ने मजिस्ट्रेट को अपमानित किया जो गैरकानूनी तरीके से कैद में रखने, आपराधिक धमकी देने तथा सरकारी ड्यूटी निभाने में बाधा डालने के बराबर है। तिरुवनंतपुरम बार संघ अपने सदस्यों के खिलाफ शिकायत के विरोध में शुक्रवार को जिला अदालतों का बहिष्कार कर रहा है।
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