मुंबई: आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने रविवार को कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे‘ सुरक्षित स्थल’ होने चाहिए जहां बहस और चर्चाएं चलती रहें और किसी को भी‘ राष्ट्र विरोधी’ बताकर चुप नहीं कराया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में हर किस्म के विचार प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। राजन ने कहा, ‘‘ हमें विश्वविद्यालयों का ऐसे स्थान के रूप में सम्मान करना चाहिए जहां विचारों पर चर्चा होती हो और जहां आप अन्य पक्ष को यह कहकर चुप नहीं कराते हों कि आपको इस तरह बोलने का अधिकार नहीं है या आप राष्ट्र विरोधी हो।’’
इसके अलावा राघुराम राजन ने कहा कि हमें ये सोचना होगा कि हम भारत में नौकरियां कैसे बनाएं। हमें लोगों को इंडस्ट्री, सर्विस और कृषि के क्षेत्र में जाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इस क्षेत्र में इनकम काफी ज्यादा है। हमें ये करने के तरीके तलाशने होंगे। दो साल पहले जेएनयू में लगे कथित देश विरोधी नारों के बाद विश्वविद्यालयों में बोलने के आजादी को लेकर बहस रह रहकर उठती रही है अब खुद रघुराम राजन ने इस पर अपने विचार रखकर इस विवाद को एक नया जन्म दे दिया है।
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