कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि 'बुरी ताकतों' ने रामकृष्ण मिशन को धमकी दी, जिससे मिशन को उनके स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण के 125वीं वर्षगांठ पर शिकागो की यात्रा रद्द करने को बाध्य होना पड़ा। ममता ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो में भाषण के 125वीं वर्षगांठ समारोह में कहा, "मेरा मानना है कि कुछ बुरी ताकतों ने एक साजिश रची। वे नहीं चाहते थे कि रामकृष्ण मिशन वहां कार्यक्रम आयोजित करे। वे यह भी नहीं चाहते थे कि इसमें मैं भाग लूं। इससे मुझे पीड़ा हुई और बहुत ज्यादा दुख हुआ।"
ममता बनर्जी हावड़ा जिले के पड़ोस में रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि वह रामकृष्ण मिशन को आमंत्रण वापस लेने के लिए दोष नहीं देंगी, क्योंकि संस्था को कई तरीकों से धमकी दी गई। ममता ने कहा, "मैं आमंत्रण को रद्द किए जाने के पीछे का कारण जानती हूं, जिसकी वजह से अखिरकार मेरे हॉल के दौरे को रद्द करना पड़ा, जहां स्वामी विवेकानंद ने भाषण दिया था।"
उन्होंने कहा, "मैं रामकृष्ण मिशन को दोष नहीं दूंगी, क्योंकि मुझे पता है कि उन्हें कई तरह से धमकी दी गई। वे यह सब नहीं कह सकते, लेकिन मैं कह सकती हूं।" उन्होंने कहा, "क्या हुआ अगर मैं शिकागो नहीं जा सकी? मैं यहां आकर गौरवान्वित हूं जहां स्वामी विवेकानंद को सिद्धि की प्राप्ति हुई थी।"
रामकृष्ण मिशन ने 26 अगस्त को आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में ममता बनर्जी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। हालांकि, आयोजकों द्वारा एक संत के निधन व अनपेक्षित दिक्कतों का हवाला देकर कार्यक्रम को रद्द करने के बाद ममता को अपनी निर्धारित यात्रा रद्द करनी पड़ी। विवेकानंद के कार्य का एक अंश पढ़ते हुए ममता ने कहा कि हिंदू धर्म न सिर्फ सभी धर्मो के प्रति सहिष्णु है, बल्कि सभी धर्मो की सच्चाई में विश्वास रखता है। हिंदू धर्म नफरत फैलाना नहीं सिखाता, जो ऐसा करते हैं, दरअसल उनका कोई धर्म ही नहीं है।
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