नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिसंबर को सभी मंत्रियों को रिपोर्ट कार्ड लेकर सात लोक कल्याण रोड स्थित अपने आवास पर तलब किया है। इस दिन प्रधानमंत्री मोदी के सामने सभी मंत्री प्रजेंटेशन देंगे। सूत्रों के मुताबिक लचर प्रदर्शन वाले मंत्रियों पर आगे हटाने की कार्रवाई की जा सकती है। इस अहम मीटिंग के मद्देनजर मोदी कैबिनेट के बहुप्रतीक्षित विस्तार की अटकलें जोर पकड़ रही हैं।
सूत्रों ने कहा कि इस मीटिंग में गृह मंत्री व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि इस मीटिंग के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पता करना चाहते हैं कि उनकी प्राथमिकता वाली योजनाओं का किस मंत्रालय में क्या हाल है? कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रालयों के मंत्री हटाए जा सकते हैं। इसके अलावा एक साथ कई बड़े मंत्रालय चला रहे मंत्रियों से कुछ मंत्रालय लेकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि 30 मई 2019 को शपथ लेने के छह महीने बाद भी मोदी कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। जबकि 2014 में मई में सरकार बनने के छह महीने में ही नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 30 मई को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पिछली सरकार में मोदी सरकार में 70 मंत्री थे।
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