नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से आए विस्थापित 5300 परिवारों को प्रधानमंत्री द्वारा 2016 में घोषित पैकेज का लाभ प्रदान करने पर बुधवार को मुहर लगाई। इन परिवारों को तब इसका लाभ नहीं मिल सका। पैकेज के तहत प्रति परिवार एकमुश्त 5.5 लाख रुपये प्रदान करने का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘साल 2016 में प्रधानमंत्री ने पीओके के विस्थापितों के लिए 5.5 लाख रुपये प्रति परिवार के पैकेज की घोषणा की थी। लेकिन तब इसमें 5300 परिवार शामिल नहीं हो सके थे क्योंकि वे जम्मू कश्मीर से बाहर थे और उनका नाम नहीं आया था।’’
उन्होंने बताया कि आज के निर्णय से 5300 परिवारों को इसमें शामिल कर लिया गया है। जावडेकर ने कहा कि इस फैसले से इन परिवारों के साथ न्याय हुआ है। इस फैसले का पूरे कश्मीर घाटी में स्वागत होगा।
उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर में कई तरह के विस्थापित समूह हैं। इसके तहत एक समूह ऐसे विस्थापितों का है जो 1947 के बाद आया। दूसरा समूह ऐसे विस्थापितों का है जो जम्मू कश्मीर के विलय के बाद आया। इसमें 5300 परिवार ऐसे थे जो पीओके से आए लेकिन दूसरे राज्यों में चले गए थे। मंत्री ने कहा कि जो फिर से जम्मू कश्मीर आ गए है, उन्हें इसमें शामिल किया गया है।
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