कूचबिहार: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक (CAB), 2019 लाये जाने की योजना के लिए सोमवार को केन्द्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित विधेयक बंगालियों और हिंदुओं को देश के वैध नागरिकों के रूप में बाहर करने के लिए एनआरसी की तरह एक और ‘‘जाल’’ है। संसद के सोमवार से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में CAB, 2019 को लाये जाने की उम्मीद है। लोकसभा द्वारा आठ जनवरी को इस विधेयक को पारित किये जाने के बाद इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया गया था और लोकसभा भंग होने के कारण इस विधेयक की अवधि समाप्त हो गई थी।
बनर्जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार करने में विफल रहने के लिए भी केन्द्र की आलोचना की। बनर्जी ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए कदम उठाने के बजाय एयर इंडिया जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने में दिलचस्पी ले रही है। बनर्जी ने कहा, ‘‘केन्द्र कैब को लाने की योजना बना रही है लेकिन मैं आपको बता दूं कि यह एनआरसी की तरह एक और जाल है। यह वैध नागरिकों की सूची से बंगालियों और हिंदुओं को बाहर करने और उन्हें अपने ही देश में शरणार्थी बनाने की एक साजिश है।’’
इस विधेयक के कानून बनने के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को सात साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। बनर्जी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद हमने कूचबिहार जिले में शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कई कदम उठाये थे। लेकिन हमने कभी भी कोई शर्त नहीं लगाई कि उन्हें इस देश में छह साल तक रहना होगा।’’
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