नई दिल्ली: भारत-रूस के बीच आज एस 400 मिसाइल सौदे पर अमेरिकी दूतावास ने बयान जारी कर कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों का मकसद रूस को दंडित करना है, न (न) कि अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना। रूस विरोधी प्रतिबंधों का एस-400 करार होने के बाद भारत पर प्रभाव के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिबंधों के जरिए अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला कानून (सीएएटीएसए) धारा 231 में छूट के बारे में विषय दर विषय आधार पर विचार किया जाएगा।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि सीएएटीएसएस घातक व्यवहार एक्ट को लेकर रूस के खिलाफ है। इसमें रूस के रक्षा क्षेत्र के धन के प्रवाह को रोकना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सीएएटीएसए का मकसद अपने सहयोगियों की सैन्य क्षमता को नुकसान पहुंचाना नहीं है।
क्या है अमेरिका का सीएएटीएसएस कानून
अमेरिका के सीएएटीएसएस कानून के तहत ट्रंप प्रशासन को उन देशों और कंपनियों को दंडित करने का अधिकार है जो रूस डिफेंस और इंटेलिजेंस सेक्टर से संबंधित व्यापार करते हैं।
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