मध्यप्रदेश: जबलपुर के चार थाना क्षेत्र में कर्फ्यू, बाकी जिलों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन
CAA एवं NRC पर देश में हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर कांग्रेस नीत मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 52 जिलों में से 44 जिलों में निषेधाज्ञा लागू की है। इन जिलों में 18 फरवरी तक निषेधाज्ञा लगी हुई है और धरना, रैली एवं सभाएं मना है।
जबलपुर/भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन के कारण जबलपुर शहर के चार थाना इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया, जबकि प्रदेश के बाकी सभी 51 जिलों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ। वहीं, प्रदेश की राजधानी भोपाल में सात घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
कुछ इलाकों में हिंसा के बाद कर्फ्यू
जबलपुर जिला कलेक्टर भरत यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जबलपुर शहर के गोहलपुर एवं हनुमानताल पुलिस थानों के पूरे इलाके तथा कोतवाली और आधारताल पुलिस थानों के कुछ इलाकों में हिंसा होने के बाद कर्फ्यू लगाया गया है। उन्होंने बताया कि 21 दिसंबर को एहतियाती तौर पर जबलपुर शहर के स्कूलों को बंद करने के आदेश दिये गये हैं।
स्थिति अब नियंत्रण में- डीएम, जबलपुर
यादव ने कहा कि जिन इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया गया था, वहां स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पुलिस से रिपोर्ट मिलने के बाद जिला प्रशासन ने स्थिति की समीक्षा की और मामले में कार्रवाई की। जिन चार थाना इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है, वहां पर मुस्लिम समुदाय की अच्छी खासी आबादी है।
जबलपुरके गोहलपुर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया
वहीं, भोपाल में एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘सीएए और एनआरसी के खिलाफ शुक्रवार को लगभग समूचे मध्यप्रदेश में प्रदर्शन हुए। जबलपुर के गोहलपुर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके कारण पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। प्रदेश के बाकी सभी जिलों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ।’’
52 जिलों में से 44 जिलों में निषेधाज्ञा लागू
CAA एवं NRC पर देश में हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर कांग्रेस नीत मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के 52 जिलों में से 44 जिलों में निषेधाज्ञा लागू की है। इन जिलों में 18 फरवरी तक निषेधाज्ञा लगी हुई है और धरना, रैली एवं सभाएं मना है।
भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन
इसी बीच, भोपाल शहर के तलैया पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि जमीयत उलेमा हिन्द के उपाध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल रज़्ज़ाक़ के नेतृत्व में भोपाल शहर के मुस्लिम बहुल इलाके में आज जुमा की नमाज़ के बाद ऐतिहासिक इक़बाल मैदान के समीप तर्जुमा वाली मस्जिद से सटे हुए पार्क में सीएए और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया। इसमें बड़ी तादात में लोग मौजूद थे।
भोपला में कुछ देर के लिए बंद की गई इंटरनेट सेवा
वहीं, मध्यप्रदेश पुलिस इंटेलीजेंस सेल के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंटरनेट सेवा शुक्रवार को दोपहर एक बजे से शाम सात बजे तक छह घंटे के लिए अस्थाई तौर पर बंद कर दी गयी। उन्होंने कहा कि हालांकि, भोपाल शहर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा चालू रही।
सोशल मीडिया पर पुलिस की नजर
सीएए और एनआरसी के खिलाफ भोपाल में मुस्लिम बहुल इलाके में एक मस्जिद के नमाज अदा करने के बाद प्रदर्शन हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस उन सभी जिलों में सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखे हुए है, जहां पर कर्फ्यू एवं निषेधाज्ञा लागू है। अधिकारी ने बताया कि यहां मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर को छोड़कर तकरीबन समूचे प्रदेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए।
गोहलपुर में हुआ लाठीचार्ज
इसी बीच, जबलपुर रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक भगवत सिंह चौहान ने ‘भाषा’ को बताया कि जबलपुर शहर के गोहलपुर इलाके में प्रदर्शन हिंसक हो गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव किया, जिसके कारण पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि अब स्थिति नियंत्रण में है। उपद्रवियों को पकड़ने के लिए इलाके को घेर लिया गया।
8 जिलों में धारा 144 नहीं लगाई
मध्यप्रदेश पुलिस स्टेट सिच्युएशन रूम के इंस्पेक्टर हर्मन लाकडा ने बताया कि राज्य सरकार ने एहतियाती तौर पर प्रदेश के 44 जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार तक 43 जिलों में निषेधाज्ञा लगी थी और शुक्रवार को अब होशंगाबाद जिले में इसे लगा दिया गया है। लाकडा ने बताया कि प्रदेश के आठ जिलों में धारा 144 नहीं लगाई गई है। इनमें गुना, शिवपुरी, अलीराजपुर, बैतूल, धार, डिंडोरी, टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले शामिल हैं।
इंदौर की कई मस्जिदों में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सीएए एवं एनआरसी को वापस लिया जाये। इसी बीच, इंदौर से मिली रिपोर्ट के अनुसार सीएए और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ महात्मा गांधी के तरीके से अहिंसक आंदोलन की घोषणा के साथ स्थानीय मस्जिदों में जुमे (शुक्रवार) की नमाज के बाद हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गयी।