नई दिल्ली। दरियागंज में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार किए गए 15 लोगों के परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों की एक झलक पाने के लिए शनिवार को थाने के बाहर इंतजार में खड़े रहे। गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक के परिवार सदस्य ने थाने के बाहर इंतजार करते हुए कहा, “मेरा दामाद अपनी पत्नी को यहां दरियागंज के पास छोड़ने आया था लेकिन उसे हिंसा में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया।”
इरफान के ससुर मोहम्मद सलीम ने कहा कि इरफान को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह नमाज पढ़ने मस्जिद गया था और इसी दौरान नये नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को हो रहा प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया था। सलीम ने कहा, “उन्होंने (पुलिस ने) हमें उससे बात नहीं करने दी और हमें बताया गया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को तीस हजारी अदालत ले जाया गया है।”
परिवार के सदस्यों का कहना है कि वह अपने प्रियजनों की खबर पाने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पुलिस थाने के बाहर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कर्मियों की भारी तैनाती की गई जहां शनिवार को बाहरी लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया। मुकीर को अपने पिता को हिरासत में लिए जाने की जानकारी एक टीवी चैनल से मिली। उसने कहा, “मेरे 60 वर्षीय पिता, इलाके में वेल्डिंग की दुकान में काम करते हैं। हंगामे की खबर सुन कर वह बाहर आए थे। लेकिन मैंने टीवी चैनलों पर दो पुलिसकर्मियों को उन्हें ले जाते हुए देखा।”
हिरासत में लिए गए 40 लोगों में एक छात्र, मोहम्मद चांद भी शामिल है और उसके रिश्तेदार थाने के बाहर उसका इंतजार कर रहे थे। चांद के रिश्तेदार ने कहा, “वह यहां नमाज पढ़ने आया था और जो हुआ उसका उससे कोई लेना-देना नहीं है।”
पुलिस ने कहा कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शुरुआत में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर दंगा करने और पुलिसकर्मियों को उनकी ड्यूटी से रोकने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने कहा कि शुक्रवार शाम प्रदर्शनकारियों ने सुभाष मार्ग इलाके में खड़ी एक कार को आग के हवाले कर दिया था।
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