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Hindi News भारत राष्ट्रीय ‘देश के सबसे स्वच्छ शहर’ में फल और सब्जियों के कचरे से दौड़ेंगी बसें, बालों से यूं लहलहाएंगी फसलें

‘देश के सबसे स्वच्छ शहर’ में फल और सब्जियों के कचरे से दौड़ेंगी बसें, बालों से यूं लहलहाएंगी फसलें

पोहे-जलेबी-नमकीन की लज्जत और मध्य भारत में उद्योग-धंधों के बड़े केंद्र के रूप में पहचाना जाने वाला इंदौर राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में लगातार दूसरे साल शीर्ष स्थान पर रहने के कारण एकदम ‘चकाचक’ अवतार में है...

Representational Image | Pixabay- India TV Hindi Representational Image | Pixabay

इंदौर: पोहे-जलेबी-नमकीन की लज्जत और मध्य भारत में उद्योग-धंधों के बड़े केंद्र के रूप में पहचाना जाने वाला इंदौर राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग में लगातार दूसरे साल शीर्ष स्थान पर रहने के कारण एकदम ‘चकाचक’ अवतार में है। साफ-सफाई के मामले में इस बार करीब 4,200 नगरों को पछाड़ने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर में अब कचरा प्रबंधन की कुछ नवाचारी परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने की तैयारी है। इसके तहत फल सब्जी के कचरे से बायो CNG और बालों के अपशिष्ट से अमीनो एसिड बनाने की तैयारी है।

बायो-सीएनजी से दौड़ेंगी बसें
केंद्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के लिए इंदौर नगर निगम (IMC) के सलाहकार असद वारसी ने बताया, ‘हमने शहर की देवी अहिल्याबाई होलकर फल-सब्जी मंडी में बायोमीथेनाइजेशन प्लांट लगाया है। इस संयंत्र के जरिए हर रोज फल-सब्जियों के 20 टन अपशिष्ट को 1,000 किलोग्राम बायो-CNG में बदला जा सकता है। प्रसंस्करण के बाद बचे अपशिष्ट से कम्पोस्ट खाद बनायी जा सकती है।’ उन्होंने बताया कि फल-सब्जी मंडी में तैयार बायो-CNG का कुछ ऑटो रिक्शाओं में ईंधन के रूप में परीक्षण किया गया है। इसके अच्छे परिणाम आने के बाद शुरुआती दौर में 20 लोक परिवहन बसों को बायो-CNG से दौड़ाने की तैयारी है। फिलहाल इन बसों में ईंधन के रूप में सामान्य CNG इस्तेमाल की जाती है।

पांच रुपये सस्ती पड़ेगी बायो-सीएनजी
वारसी ने बताया, ‘हमें सामान्य CNG के मुकाबले बायो-CNG पांच रुपये प्रति किलोग्राम सस्ती पड़ेगी। नतीजतन हर रोज 1,000 किलोग्राम बायो-CNG के इस्तेमाल पर लोक-परिवहन बसों का ईंधन बिल 5,000 रुपये घटाया जा सकेगा। यानी महीने भर में करीब 1.5 लाख रुपये की बचत।’ अपशिष्ट प्रबंधन विशेषज्ञ ने कहा, ‘अब हम चाहते हैं कि फल-सब्जियों के कचरे के साथ मटन, चिकन और मछली बाजारों के अपशिष्ट से भी बायो-CNG बनाई जाए। कच्चे मांस के अपशिष्ट से अपेक्षाकृत ज्यादा बायो-CNG बनाई जा सकती है।’

सैलूनों से हर रोज निकलता है 8 क्विंटल कचरा
वारसी ने बताया कि IMC की अगले एक साल के भीतर दो और बॉयोमीथेनाइजेशन प्लांट लगाने की योजना है। कोशिश की जाएगी कि फल-सब्जियों और कच्चे मांस के अपशिष्ट से बायो-CNG के उत्पादन को बढ़ाकर करीब 4,000 किलोग्राम के स्तर पर पहुंचाया जाये। तय रूटों पर इस ईंधन से करीब 70 लोक परिवहन बसों को दौड़ाया जा सकता है। हेयर कटिंग के समय काटे गए बालों का सुरक्षित निपटारा किसी भी स्थानीय निकाय के लिए बड़ा सिरदर्द होता है। इसके इलाज के लिए गैर सरकारी संगठन ‘सार्थक’ के साथ करार के जरिये इंदौर में नवाचारी परियोजना पर काम जारी है। संगठन के सचिव इम्तियाज अली ने बताया कि सर्वेक्षण से पता चला है कि फिलहाल शहर में तकरीबन 1,500 छोटे-बड़े हेयर कटिंग सैलून चल रहे हैं जिनमें हर रोज बालों का करीब 8 क्विंटल कचरा निकलता है।

अमीनो अम्ल में बदले जाएंगे बाल
अली ने बताया कि IMC के साथ किए गए करार के तहत सैलूनों से कटे बालों को जमा करने के बाद इन्हें विशेष संयंत्र के जरिए अमीनो अम्ल में बदला जायेगा। इस तरल पदार्थ को खेतों में जैव उर्वरक के रूप में इस्तेमाल कर खासकर उद्यानिकी फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि मनुष्य के बालों से अमीनो अम्ल बनाए जाने की परियोजना अभी प्रायोगिक दौर में है। शहर में इस जैव उर्वरक का बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने से पहले फिलहाल विस्तृत अनुसंधान का दौर जारी है। अनुसंधान के बाद शहर के पिपलियापाला रीजनल पार्क में विशेष संयंत्र लगाया जाएगा जिसके जरिये बालों से हर रोज 1,000 लीटर अमीनो अम्ल बनाया जा सकेगा।

देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा एक बार इंदौर को
अली ने बताया कि मनुष्य के बाल अमीनो अम्ल का बढ़िया स्त्रोत होते हैं। एक किलोग्राम बालों के प्रसंस्करण से लगभग 12 लीटर अमीनो अम्ल तैयार किया जा सकता है। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2018’ के हाल ही में घोषित नतीजों में इंदौर को ‘नंबर 1’ शहर का खिताब दिया गया है। पिछले साल की इस स्वच्छता रैंकिंग में भी इंदौर देश का सबसे साफ-सुथरा शहर चुना गया था। हालांकि, उस समय सिर्फ 430 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा थी। मोटे अनुमान के मुताबिक, कोई 35 लाख की आबादी वाले इंदौर में हर रोज तकरीबन 1,100 टन कचरे का अलग-अलग तरीकों से सुरक्षित निपटारा किया जाता है। इसमें 650 टन गीला कचरा और 450 टन सूखा कचरा शामिल है।

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