बुराड़ी कांड: 20 पन्नों में 11 मौत का 'कोडवर्ड', सीक्रेट चिट्ठी में बीड़ी वाले तांत्रिक का सच
इसी रजिस्टर में लिखा है कि जब घर के सभी सदस्यों ने बड़ पूजा में हिस्सा लिया तो बड़े भाई दिनेश और दूसरी बेटी सुजाता को इससे दूर क्यों रखा गया। रजिस्टर के मुताबिक दोनों मांसाहारी थे इसलिए उन दोनों के लिए निर्देश था कि उन्हें इससे दूर रखा जाए और अनुष्ठान की भनक भी ना दी जाए।
नई दिल्ली: पूरे देश को हिला कर रख देने वाला दिल्ली का बुरारी कांड ठंडा पड़ता नजर नहीं आ रहा है। जब ऐसा लग रहा था कि मामले की जांच पूरी होने वाली है और मामला सुलझने वाला है तभी दिल्ली क्राइम ब्रांच को परिवार के घर से एक और रजिस्टर मिला है। पूजा घर से मिला ये रजिस्टर भी परिवार के सबसे छोटे बेटे ललित के हाथों ही लिखा है लेकिन इस रजिस्टर में एक खास बात है। खास बात ये कि 2015 से लिखे जा रहे है इस रजिस्टर में घरवालों को न सिर्फ बड़ पूजा के तरीके समझाए गए हैं बल्कि इसमें कई बातें कोड वर्ड में भी बताई गई है।
रजिस्टर में कई बातें कोड वर्ड में
पुलिस सूत्रों की मानें तो ललित के लिखे इस रजिस्टर में एल मतलब ललित और टी का मतलब ललित की पत्नी टीना से है जबकि एस का मतलब परिवार के बड़े भाई भुवनेश की पत्नी सविता से है। रजिस्टर में लिखा है, “जब तक नया कमरा तैयार नहीं हो जाता तब तक L.T. (ललित और टीना) और S. (सविता) भूपी वाले कमरे में सोएंगे और बाकी सब एक कमरे सोएंगे। रविवार व बुधवार को भूपी वाले कमरे में सोएंगे। जब तक नया कमरा तैयार नहीं होता तब तक यही प्रक्रिया ऐसे ही रखना। एक पात्र में सवा किलो चावल लेकर उसमें श्रीकृष्ण जी की तस्वीर रख कर छोटी बड़ी का वहन करना।“
गलती करने पर डांट और सज़ा देने की बात का भी जिक्र
ललित ने अपने इस रजिस्टर में न सिर्फ कोर्ड वर्ड में कुछ बातें लिखी हैं बल्कि इसमें इस घर के सदस्यों को गलती करने पर डांट और सज़ा देने की बात का भी जिक्र है। उसमें लिखा है, “1 तारीख़ से ललित और टीना को सज़ा रूप में ऊपर वाले कमरे में सोना है। 1 तारीख से लेकर 26 जनवरी तक। ये सज़ा क्यों मिली है इसका जवाब अपने आप से पूछना और ये आगे बढ़ भी सकती है और एक माला बनाकर इसे घटा भी सकते हैं। वरना अगला नंबर शिव का भी हो सकता है।“
इसी पेज में 31 दिसंबर, 2017 को जो बातें लिखी गईं हैं, उनसे लगता है जैसे परिवार के किसी सदस्य को ललित या रजिस्टर में लिखी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा था जिसके बाद रजिस्टर में सख्ती से समझाने के लहजे में कुछ बातें लिखी गईं थीं....”ईश्वर की सत्ता से कभी मजाक नहीं करना चाहिए। मेरे आने जाने को साधारण रूप में ना लो। श्रद्धा और तत्परता पैदा करो। नया ज्ञान लिखने के बजाए पहले की कॉपी का समय निश्चित करो। उथल-पुथल या अनहोनी से बचने का प्रयास करो।“
मांसाहारी होने के कारण भाई और दूसरी बेटी को रखा गया इससे दूर
इसी रजिस्टर में लिखा है कि जब घर के सभी सदस्यों ने बड़ पूजा में हिस्सा लिया तो बड़े भाई दिनेश और दूसरी बेटी सुजाता को इससे दूर क्यों रखा गया। रजिस्टर के मुताबिक दोनों मांसाहारी थे इसलिए उन दोनों के लिए निर्देश था कि उन्हें इससे दूर रखा जाए और अनुष्ठान की भनक भी ना दी जाए..”उठने-बैठने, खाने-पीने में सामूहिक एकता की कमी है। छोटी छोटी बातों का महत्व समझो। गलती की डायरी बनाना चाहते हो, मगर गलती को सुधारना नहीं चाहते। तुमको आभास नहीं है कि आने वाले समय में होनी अनहोनी को घटने में या बनते काम बिगड़ने के तुम स्वयं ज़िम्मेदार हो।
रजिस्टर में पूरे परिवार के लिए पल पल का निर्देश
ललित के इस नए रजिस्टर की जांच कर रहे पुलिसवालों के मुताबिक ललित इस रजिस्टर को साल 2015 से ही लिख रहा था मगर इसमें ज़्यादातर बातें 2017 में लिखी गईं हैं। इसका अंदाज़ इसलिए लगा क्योंकि कुछ भी लिखे जाने से पहले उसमें श्री का निशान और तारीख दर्ज है। इसके अलावा इस रजिस्टर में पूरे परिवार के लिए पल पल का निर्देश है और जब जब उन निर्देशों का पालन नहीं हुआ तब तब अगली तारीख पर सज़ा या गुस्सा का इज़हार किया गया है।
अज्ञात शख्स ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
30 जून की आधी रात को ठीक ऐसा ही हुआ। किसी ने भी ललित के रजिस्टर में लिखी बातों की अवहेलना नहीं की और परिवार के सबसे बुजुर्ग नारायणी देवी को छोड़ सबके सब बड़ के पेड़ की तरह लटक कर जान दे दी। इस नए रजिस्टर ने बुरारी कांड की जांच एक नई दिशा में मोड़ दी है लेकिन जांच के दौरान ही दिल्ली पुलिस को एक और चौंकाने वाली बात की जानकारी मिली। एक अज्ञात शख्स ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखी है जिसमें एक तांत्रिक का जिक्र है। दावा ये किया गया है कि भाटिया परिवार इसी तांत्रिक के संपर्क में था।
चिट्ठी में तांत्रिक बीड़ी वाले बाबा का जिक्र
बताया जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर को ये चिट्ठी 3 जुलाई को लिखी गई थी। चिट्ठी लिखने वाले शख्स का कहना है कि बुराड़ी में जिस परिवार के 11 लोगों ने धार्मिक अंधविश्वास में फंसकर मोक्ष पाने की कामना से सामूहिक आत्महत्या की, वो दिल्ली के ही बीड़ी वाले बाबा के संपर्क में था। चिट्ठी लिखने वाले का दावा है कि बुराड़ी के भाटिया परिवार का इस तांत्रिक के पास आना जाना था। चिट्ठी में बताया गया है कि दिल्ली के कराला में रहने वाले इस तांत्रिक का असली नाम चंद्रप्रकाश पाठक है। चिठ्ठी में अज्ञात शख्स ने पुलिस से अपील की है कि इन मौतों के पीछे बाबा का हाथ हो सकता है इसलिए इसकी जांच की जाए।