नई दिल्ली: मध्य प्रदेश सरकार और किसान दोनों के लिए प्याज ऐसी मुसीबत बन गई है जिससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो गया है। सरकारी बदइंतजामी से किसान परेशान हैं। ना तो समय पर प्याज बिक पा रहा है, ना ही वो कायदे से इस प्याज को मंडी तक पहुंचा पा रहे है। और तो और हाल ऐसा है कि जो प्याज खरीद कर सरकारी गोदामों और मंडियों में रखा गया है। वो भी लापरवाही और जरूरी इंतजाम नहीं होने के कारण सड़ रहा है। अब बर्बाद हुए इस प्याज को बुलडोजर के जरिये नष्ट किया जा रहा है। अकेले छतरपुर में करीब बीस हजार क्विंटल प्याज को नष्ट किया गया। हैरानी की बात ये है कि शहर-शहर सड़ी प्याज को नष्ट किया जा रहा है, और सरकार सो रही है।
मध्य प्रदेश के छतरपुर हरपालपुर स्टेशन पर एक लाख नौ हजार क्विंटल प्याज लाया गया था। जिसमें से सिर्फ नब्बे हजार क्विंटल प्याज का परिवहन हुआ। बाकी बीस हजार क्विंटल प्याज खुले में पड़ा होने की वजह से खराब हो गया। इस प्याज को बुलडोजर चलाकर नष्ट किया गया। करीब दो करोड़ रुपए का प्याज बर्बाद हो गया। एक तरफ बुलडोजर चलाकर प्याज नष्ट किया जा रहा था तो दूसरी तरफ फ्री में प्याज लूटने वालों की कमी नहीं। मुफ्त की प्याज लेने के लिए लोग टूट पड़े।
छतरपुर में ही नहीं एमपी के दमोह से भी सड़ी गली प्याज को नष्ट करने की तस्वीर सामने आई। यहां भी करीब पचीस हजार क्विंटल टन को ट्रैक्टर की मदद से डंप किया गया। हैरानी की बात ये है कि खराब हो चुकी प्याज को उन जिलों में भेजा जा रहा है जहां प्याज का उत्पादन कम हुआ है। लेकिन सड़े-गले प्याज को देखकर ठेकेदार उस प्याज को उठा नहीं रहे हैं। जिससे प्याज को नष्ट करने के अलावा कोई चारा प्रशासन के पास नहीं है।
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