नयी दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वर्ष 2018-19 के आम बजट को ‘बिल्कुल हार मान लेने वाला’ और ‘निराशाजनक’ करार देते दिया है। उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार ने हथियार डाल दिया है और उसने मान लिया है कि वह अर्थव्यवस्था में अहम मुद्दों का समाधान करने में विफल हुई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बजट प्रस्ताव ‘साहसिक और क्रांतिकारी’ होने चाहिए थे।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बिल्कुल हार मान लेने वाला बजट है। मैं समझता हूं कि उसने (सरकार ने) हथियार डाल दिया है। यह एक ऐसी सरकार का बजट है जिसने मान लिया है कि वह अर्थव्यवस्था में अहम मुद्दों का समाधान करने में विफल रही है... दुर्भाग्य से बजट प्रस्ताव बड़े निराशाजनक हैं।’’ उन्होंने 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख तक के बीमा कवर प्रदान करने के सरकार के बजटीय वादे में खामियां ढूढ निकाली और इसे बड़ा जुमला करार दिया।
चिदम्बरम ने आज इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट भाषण समापन करने के शीघ्र बाद कहा था, ‘‘ वित्त मंत्री राजकोष को मजबूत बनाने की परीक्षा में फिसड्डी साबित हुए और इस विफलता के गंभीर परिणाम होंगे।’’ केंद्र ने आज दुनिया के सबसे बड़े सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम की घोषणा की जिसका लक्ष्य 10 करोड़ गरीब परिवारों को द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल के तहत प्रति परिवार पांच लाख रुपये सलाना कवरेज का लाभ प्रदान किया जाएगा।
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