कोरोना वायरस का ब्राजीली स्वरूप अधिक संक्रामक, प्रतिरोधक क्षमता से बचने में सक्षम: अध्ययन
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना वायरस के नए स्वरूपों को लेकर एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
नयी दिल्ली। भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना वायरस के नए स्वरूपों को लेकर एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने कोरोना के नए वेरिएंट को अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामण बताया है साथ ही पहले हुए संक्रमण से हासिल प्रतिरोधक क्षमता से बचने में भी ये सक्षम हो सकता है। यानि एक बार कोरोना संक्रमित हो चुके लोगों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
ब्राजील से निकले कोरोना वायरस के पी.1 स्वरूप के सार्स-सीओवी-2 के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक होने की संभावना है और यह वायरस से पूर्व में हुए संक्रमण से हासिल प्रतिरोधक क्षमता से बचने में सक्षम हो सकता है। यह दावा एक नए मॉडलिंग अध्ययन में किया गया है।
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‘साइंस’ जर्नल में प्रकाशित शोध में पी.1 की विशेषता और उसके गुणों को जानने के लिये ब्राजील के मनौस शहर से आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है। इसमें जेनेटिक सीक्वेंसिंग डेटा के 184 नमूनों को भी शामिल किया गया है। मनौस बड़े पैमाने पर दूसरी लहर के प्रकोप का सामना कर रहा है, जिसमें प्रतिदिन होने वाली मौतों की अधिक संख्या और स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था के ध्वस्त हो जाने के उदाहरण देखने को मिले हैं।
डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं और ब्राजील के सहकर्मियों ने पाया कि आनुवंशिक रूप से पी.1 कोरोनो वायरस के पिछले स्वरूपों से अलग है। उन्होंने कहा कि इसने 17 उत्परिवर्तन हासिल किये हैं। इसमें स्पाइक प्रोटीन - के417टी, ई484के और एन501वाई में उत्परिवर्तन शामिल है। स्पाइक प्रोटीन कोरोनो वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने में मदद करता है।
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कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ता और अध्ययन के सह-लेखक समीर भट्ट ने कहा, ‘‘हमारे महामारी विज्ञान मॉडल से संकेत मिलता है कि पी.1 में कोरोनो वायरस के पिछले स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक होने की संभावना है और वायरस के अन्य स्वरूपों के संक्रमण से प्राप्त प्रतिरोधक क्षमता से बचने में सक्षम होने की संभावना है।’’ शोधकर्ताओं ने गौर किया कि पी.1 नवंबर 2020 के आसपास मनौस में उभरा। तब से कोरोना वायरस का यह स्वरूप ब्राजील के साथ-साथ भारत सहित दुनिया के कई अन्य देशों में फैल गया है।
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