नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मुख्य अतिथि बनाए जाने का भारत का न्यौता स्वीकार कर लिया है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक रॉब ने इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में बोरिस जॉनसन को बुलाया जाना एक बड़ा सम्मान है। ब्रिटेन के विदेश सचिव ने यह भी बताया कि उनके प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल होने वाली जी-7 सम्मिट में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच 27 नवंबर को फोन पर बात हुई थी और उस बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि बनने का न्यौता दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उसी बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी भारतीय पीएम को जी-7 बैठक में भाग लेने का न्यौता दिया था। दोनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बीच इस दौरान बैठक होने की संभावना है जिसमें कई समझौते भी हो सकते हैं।
27 साल बाद ब्रिटेन का कोई प्रधानमंत्री पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने जा रहा है, बोरिस जॉनसन से पहले 1993 के गणतंत्र दिवस समारोह में उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉन मेजर मुख्य अतिथि बने थे। उस समय केंद्र में नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।
पिछले 10 साल के दौरान देश में गणतंत्र दिवस के मौके पर रहने वाले मुख्य अतिथियों पर नजर डालें तो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे तक का नाम शामिल हैं।
2020 में ब्राजील के राष्ट्रपति बोलसोनारों मुख्य अतिथि थे, उससे पहले 2019 में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, 2018 में 10 आसियान देशों का राष्ट्र अध्यक्ष, 2017 में UAE के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद, 2016 में फ्रांस के उस समय के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, 2015 में अमेरिकी राष्ट्पति बराक ओबामा, 2015 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, 2013 में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल बांगचुक, 2012 में थाईलैंड के पीएम यिंगलक शिनावात्रा, 2011 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुसीलो बाम्बांग और 2010 में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली म्युंग बाक मुख्य अतिथि रहे
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