नई दिल्ली| अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल को संभालने वाली दूसरी सफल महिला और बम विस्फोट की एक घटना में बाल-बाल बचीं मालविका अय्यर ने ट्वीट कर साहस का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हम अपनी मुसीबतों से कैसे निपटते हैं, वह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। अय्यर ने पीएम मोदी के अकाउंट से ट्वीट किया, "स्वीकार करना सबसे बड़ा पुरस्कार है, जो हम अपने आप को दे सकते हैं। हम अपनी जिंदगी को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन हम निश्चित ही जिंदगी को लेकर अपने नजरिये को बदल सकते हैं। एट द रेट ऑफ मालविका अय्यर, हैशटैगसीइंस्पायरअस।"
अय्यर 13 साल की उम्र में एक बम विस्फोट से बाल-बाल बची थीं, लेकिन इस वजह से उन्होंने अपने सपनों को नहीं छोड़ा। उन्होंने ट्वीट में कहा, "मैं 13 वर्ष की उम्र में एक भयानक बम विस्फोट में बाल-बाल बची थी, जिस दौरान मेरे दोनों हाथ उड़ गए थे और मेरे पैर बुरी तरह घायल हो गए थे। उसके बाद भी, मैंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पीएचडी पूरी की। हिम्मत हारना कभी भी विकल्प नहीं होता। अपनी सीमाओं को भूल जाइए और दुनिया का सामना विश्वास और उम्मीद के साथ कीजिए।"
उन्होंने कहा कि लोगों को दिव्यांगों के प्रति सोच बदलनी चाहिए। सच्चाई यह है कि महिला दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा मेरे विचार को साझा करने के लिए चुना जाना इस बात का प्रतीक है कि भारत दिव्यांगता को लेकर वर्षो पुराने अंधविश्वास को तोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को फूडबैंक-इंडिया की स्नेहा मोहनदॉस को दिया, जो चेन्नई में गरीबों को खाना खिलाने का काम करती हैं।
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