चेन्नई: बोइंग इंडिया, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स (एमडीएस) ने देश में ही एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान के विनिर्माण के लिए हाथ मिलाया है। यहां चल रही रक्षा प्रदर्शनी ‘डेफएक्सपो’ के दौरान बोइंग इंडिया के अध्यक्ष प्रत्युष कुमार, एचएएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक टी. सुवर्ण राजू और एमडीएस के चेयरमैन एस. पी. शुक्ला ने ‘भारत में निर्मित लड़ाकू विमान’ के लिए सहमति ज्ञापन पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
कुमार ने कहा कि इस समझौते पर पिछले 18 महीनों से बातचीत चल रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और रक्षा मंत्रालय की इच्छा ‘भारत में निर्मित विमान’ का उत्पादन करने के लिये रणनीतिक साझेदारी करने की थी।’’ उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने पूरे देश में पूछ-परख कर ली और 400 से अधिक आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत की है।’’
कुमार ने कहा कि एचएएल इकलौती कंपनी है जो लड़ाकू विमान बनाती है और एमडीएस भी इकलौती कंपनी है जो छोटे वाणिज्यिक विमान का विनिर्माण करती है। यह हमारे लिए उत्साह बढ़ाने वाला है। एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि इस संयुक्त उपक्रम में बड़ी मात्रा में निवेश किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने किसी तरह के आंकड़े की जानकारी देने से मना कर दिया।
इस समझौते पर शुक्ला ने कहा, ‘‘यह एक संयोजन है जहां हम तीन कंपनियां हैं और जो अपनी विशेषज्ञता साथ लेकर आएंगी और इस गठबंधन को ज्ञान और विशिष्टता देंगे।’’ एचएएल के राजू ने कहा कि समझौते के तहत विमान विनिर्माण के लिए मौजूदा संयंत्रों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है या जरुरत पड़ी तो नया संयंत्र भी लगाया जा सकता है।
कंपनी के एक बयान के मुताबिक सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान की ना सिर्फ अधिग्रहण लागत कम है बल्कि इसको उड़ाने की प्रतिघंटा लागत भी अन्य विमानों से कम है।
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