श्रीनगर: दक्षिणी कश्मीर के अरवानी गांव में आज मुठभेड़ स्थल से लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार आतंकवादी जुनैद अहमद मट्टू और दो अन्य के शव बरामद हुए। 24 वर्षीय मट्टू उर्फ जाना के अलावा 18 वर्षीय आदिल मुश्ताक मीर उर्फ नाना और 20 वर्षीय नासिर अहमद वानी के शव मिले हैं। तीनों प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर के सदस्य थे। मट्टू कुलगाम के खुदवानी गांव का निवासी था। वह जून 2015 में आतंकवादी बना था। लश्कर में उसका कद काफी तेजी से उुंचा हुआ। उसने पिछले साल जून में अनंतनाग के एक बस अड्डे पर दिन दिहाड़े दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी जिसके बाद उसे दक्षिण कश्मीर का कमांडर नियुक्त किया गया। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
मीर पंपोर के फ्रासबल क्षेत्र का निवासी था और वानी शोपियां जिले के हेफ श्रेमल का रहने वाला था। दोनों हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की पिछले साल मौत के बाद आतंकवादी बने थे। पुलिस ने तीन आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के बाद कल सुबह आठ बजे अरवानी गांव के मलिक मोहल्ला में एक घर की घेरेबंदी की। आतंकवादियों के साथ पहली बार मुठभेड़ पूर्वान 10 बजे हुई जिसके बाद अतिरिक्त बलों को घटनास्थल पर भेजा गया।
गोलीबारी दोपहर बाद में रुक गई लेकिन दो घरों में आग लग गई। दमकलकर्मियों ने आग पर काबू पाया जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने मलबे में तलाश अभियान शुरू किया। इससे पहले पुलिस एवं सुरक्षा बलों पर पथराव भी किया गया। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। उन्होंने बताया कि भीड़ लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी मट्टू को बचाना चाहती थी।
तलाश अभियान उस समय बाधित हो गया था जब एक अधिकारी फिरोज अहमद डार समेत छह पुलिसकर्मी मुठभेड़ स्थल से 20 किलोमीटर दक्षिण में अचबल इलाके में आतंकवादियों के हमले में शहीद हो गए। मट्टू और दो अन्य की मौत के बाद लश्कर ए तैयबा ने बदले की कार्वाई करते हुए यह कदम उठाया। कल हुई मुठभेड़ में दो आम नागरिकों की भी मौत हो गई।
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