नयी दिल्ली: केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि पिछले एक पखवाड़े के कुछ दिनों में दिल्ली में 40 प्रतिशत तक प्रदूषण पराली जलाने से हुआ लेकिन ‘‘एक दूसरे को दोष देने और कोसने से कोई फायदा नहीं होगा।’’ उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि नई प्रौद्योगिकी से पराली जलाये जाने के खतरे को नियंत्रित किया जा सकेगा और प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।
सम-विषम योजना की अवधि बढ़ाये जाने की खबरों पर जावड़ेकर ने कहा, ‘‘हमने देखा कि सम-विषम योजना के लागू होने के 10 दिनों के भीतर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 600 के साथ-साथ 200 भी पहुंचा। इसलिए मैं इस बात में नहीं जाना चाहता हूं कि सम-विषम योजना का (प्रदूषण) से क्या संबंध है।’’ दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण घटाने के उद्देश्य से चार नवम्बर से 15 नवम्बर तक सम-विषम योजना लेकर आई है। जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली की भौगोलिक स्थिति एक थाली (डिश) की तरह है, जिसके कारण हवा नहीं चलती है।
मंत्री ने कहा, ‘‘आपने देखा है कि जब हवा चलती है, तो यह (प्रदूषण का स्तर) 100-150 (एक्यूआई) तक भी गिर जाता है। लेकिन यदि हवा नहीं चलती है तो प्रदूषण का स्तर नहीं घटता है और इस कारण समस्या खड़ी हो जाती है।’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किये हैं जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं।
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