केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रही भारतीय किसान यूनियन ने एक अजीबोगरीब मांग सामने रख दी है। भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों से जुड़ी अन्य मांगों के अतिरिक्त केंद्र से कहा है कि वह सभी बुद्धिजीवियों और छात्र कार्यकर्ताओं को रिहा करे। इसके साथ ही सरकार को इनके खिलाफ सभी झूठे आरोप भी वापस लेना चाहिए। इसके साथ ही बीकेयू ने अपनी मांगों में संघर्ष के अधिकार और स्वामिनाथ कमीशन की सिफारिशों को लागू करने को भी शामिल किया है।
ये रही बीकेयू की मांगे
- केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट एक्ट 2020 को वापस ले
- पूरे देश में यूनिवर्सल पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क लागू करे और आवश्यक वस्तुओं और गैर खाद्य वस्तुओं को भी इसमें शामिल करे।
- स्वामिनाथ कमीशन द्वारा तय फॉर्मूले के आधार पर फसलों की कीमत लागू करे
- एमएसपी को कानूनी वैधता प्रदान करे
- स्वामिनाथन कमीशन की सिफारिशें लागू की जाएं
- बड़े कारोबारियों के हितों को ध्यान में रख कर लागू किए गए कानून वापस लिए जाएं।
- संघर्ष के अधिकार पर लगी रोक को हटाया जाए।
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