नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा है कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को किसी की जीत या हार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मगर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राम मंदिर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुछ हद तक श्रेय देने से नहीं चूकी। पार्टी ने कहा, "उनका कार्यकाल सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।" भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा जारी एक बयान में पार्टी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के दौरान मंदिर का मुद्दा सुलझ गया है।"
फैसले का स्वागत करते हुए बयान में कहा गया, "भाजपा राम मंदिर के निर्माण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है। पालमपुर संकल्प से आज तक भाजपा ने इस मुद्दे पर ईमानदार और सकारात्मक भूमिका निभाई है और अपनी सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है।"
इसके अलावा बयान में कहा गया, "जब भी देश का इतिहास दोबारा लिखा जाएगा, केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का यह कार्यकाल स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।"
राम मंदिर भाजपा के प्रमुख मुद्दों में से एक रहा है और यह 1989 से ही उसके चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा भी रहा है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जो राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई कर रही है, उसने भी अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं।
अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए जाने के कुछ घंटों बाद विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, "काशी और मथुरा के बारे में मुझे यह स्पष्ट करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहानी का अंत नहीं है, बल्कि इसकी तो शुरुआत है।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शक्तिशाली भगवा संगठन विहिप द्वारा मथुरा व काशी के संबंध में बयान देने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अब इन मंदिरों के मुद्दों को उठाया जाएगा, जहां अयोध्या जैसा की विवाद है।
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