गिरिडीह (झारखंड)। उत्तरप्रदेश के उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज को गिरिडीह जिला प्रशासन ने शनिवार को 14 दिन के लिए गृह पृथक-वास में भेज दिया। गिरिडीह के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया, 'सांसद साक्षी महाराज आज रेलमार्ग से धनबाद आये थे। शहर के शांति भवन में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद प्रशासन को बिना सूचना दिये ही आज सड़क मार्ग से वापस जा रहे थे। इसकी सूचना पाकर क्षेत्र की एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने उन्हें रोका और राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार 14 दिन के लिए गृह पृथक-वास में भेज दिया।'
सिन्हा ने बताया कि सांसद ने पूर्वानुमति के बिना झारखंड की यात्रा की लेकिन यदि वह चाहें तो छूट के लिए आवेदन कर सकते हैं। साक्षी महाराज ने पत्रकारों से कहा, 'मैं पूर्व में सूचना देकर अपनी बीमार माता को देखने आया था। यदि प्रशासन ने मुझे झारखंड आने पर पृथक-वास में जाने के बारे में सूचना दी होती तो मैं यहां नहीं आता।' खुद को रोके जाने पर आपत्ति जताते हुए साक्षी महाराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव से बातचीत की। उन्होंने गिरिडीह के उपायुक्त सिन्हा से भी बात की। फिलहाल साक्षी महाराज को शांति भवन आश्रम, गिरिडीह में रखा गया है।
साक्षी महाराज ने प्रशासन के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए कहा, 'दो घंटे के लिए कोई यदि झारखंड की सीमा में आता है तो उसे जबरन पृथक-वास में भेज दिया जाएगा, यह कहां का न्याय है?' उन्होंने कहा, 'मैं सांसद हूं और झारखंड भारत का ही अंग है। क्या मैं अपनी बुजुर्ग मां से मिलने नहीं आ सकता हूं। यह मेरा आश्रम है। कल संसद की स्थाई समिति की बैठक में मुझे शामिल होना है और यहां जबरन मुझे पृथक-वास में भेजा जा रहा है। यह बहुत ही शर्मनाक है।' उन्होंने आरोप लगाया, 'अभी बुधवार को लालू यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप रांची आये थे और यहां लालू यादव से मिलकर सड़क मार्ग से पटना चले गये। उनके खिलाफ प्रशासन मौन रहा और मुझे इस तरह परेशान किया जा रहा है। यह निश्चित रूप से राजनीतिक विद्वेष के चलते किया गया है।'
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