भोपाल: एक तरफ दिल्ली के शाहीन बाग में CAA को लेकर बीते दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है तो वहीं दिल्ली से करीब 700 किलोमीटर दूर भोपाल में बीजेपी लोगों को इसके बारे में समझा रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्य मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर उनसे बात कर रहे हैं और CAA पर फैली भ्रांतियों को दूर कर रहे हैं। वह उन्हें उर्दू में छपे पर्चे भी दे रहे हैं, जिसमें बताया गया है कि CAA से देश के मुसलमानों को क्यों नहीं डरना चाहिए।
दरअसल, देशभर में CAA को लेकर बड़ी-बड़ी सभाएं हो रही हैं, जिसमे विपक्षी दलों के नेता भी शिरकत कर रहे हैं और केंद्र सरकार से CAA वापस लेने की मांग कर रहे हैं। भाजपा का कहना है कि विपक्षी दल CAA की आड़ में राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं इसलिए हम लोगों के बीच जाकर उनकी गलतफहमी को दूर कर रहे हैं। वहीं, CAA के बारे में जानकर लोग भी बोल रहे हैं कि जो बातें पर्चे में लिखी हैं, उसके बारे में उन्हें पहले पता ही नहीं था। मुस्लिम देशों से आए लोगों को नागरिकता देने की बात कांग्रेस के जमाने में ही की गई थी।
बीजेपी द्वारा मुसलमानों के बीच जाकर उन्हें CAA पर जागरुक करने को लेकर भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि 'यही बड़ी बात है कि अल्पसंख्यक मोर्चा उर्दू में पोस्टर बांट रहा है।' उन्होंने सीएए को काला कानून भी बताया। बता दें कि इससे पहले आरिफ मसूद ने कमलनाथ सरकार को धमकी दी थी कि अगर सीएए को राज्य में लागू किया गया तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे।
वहीं, कमलानाथ सरकार के मंत्री ने भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चे के इस अभियान पर तंज कसा। कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि 'खुशी इस बात की है कि अब भाजपा को कम से कम उर्दू समझ में तो आई। धीरे-धीरे इन्हीं की पार्टी के उर्दू वाले लोग इन्हें समझा देंगे हम इसके पक्ष में नहीं हैं।' बहरहाल, देश भर में CAA पर हो रहे बवाल के बीच केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह CAA को वापस नहीं लेगी।
अब शायद यही वजह है कि बीजेपी लोगों के बीच जाकर ये समझाने में लगी है कि CAA में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे लोगों को डरना चाहिए। लेकिन, सवाल ये है कि जिस मजबूती से विपक्ष ने CAA की खिलाफत का झंडा बुलंद किया हुआ है, ऐसे में बीजेपी लोगों के बीच अपनी बात कितनी मजबूती से रख सकती है।
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