अविश्वास प्रस्ताव: लोकसभा-राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित
चार साल में पहली बार बीजेपी को सदन में अपना बहुमत साबित करना पड़ सकता है।
नई दिल्ली: 2014 में बनी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार चार साल में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना आज कर सकती है। कुछ दिन पहले तक एनडीए सरकार का हिस्सा रही तेलगु दशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस ने सदन में अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को दे दिया है। अब सुमित्रा महाजान इस पर फैसला करेंगी। हालांकि इसी बीच लोकसभा और राज्यसभा को हंगामे के चलते कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। माना जा रहा है टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को सभी प्रमुख विपक्षी दलों का समर्थन मिल सकता है। बीजेपी से नाराज चल रहे कुछ एनडीए के दल भी हो सकता है प्रस्ताव के समर्थन में मतदान कर दें। हालांकि मोदी सरकार के लिए के लिए ये ज्यादा परेशानी की बात नहीं है। बीजेपी के पास सरकार बचाने के लिए पर्याप्त आंकड़ा है।
क्या है लोकसभा की स्थिति
इस वक्त लोकसभा में कुल 539 सदस्य हैं। जिसके हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 270 होता है। बीजेपी के अपने सदस्य ही 274 हैं यानी बीजेपी अकेली अपने दम पर ही बहुमत पाने की हैसियत में है। हालांकि बीजेपी के तीन सांसद ऐसे हैं जो पार्टी से लंबे समय से खुश नहीं हैं इनमें शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद और श्यामाचरण गुप्ता का नाम शामिल है। अगर ये तीनों पार्टी के खिलाफ वोट करते हैं तो बीजेपी को सहयोगी दलों पर निर्भर होना पड़ सकता है।
आंध्र प्रदेश की लड़ाई का असर
नई दिल्लीँ; केंद्र में बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को इच्छुक दोनों दल टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस दोनों आंध्र प्रदेश की पार्टियां हैं। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए ही दोनों दल बीजेपी पर काफी समय से दबाव बना रहे हैं। पहले वाइएसआर कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी ऐसे में वाईएसआर कांग्रेस के फायदा मिलता देख टीडीपी ने आनन फानन में पहले सरकार से फिर एनडीए से बाहर होने का फैसला लिया और अब टीडीपी सरकार के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है।
ये दल है अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में
लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 50 वोट की जरूरत होता है। ऐसे में अकेले वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ये प्रस्ताव नहीं ला सकते। ऐसे में उन्हें दूसरे दलों का भी समर्थन मिल रहा है। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में इन दोनों पार्टियों के अलावा कांग्रेस, आजेडी और कम्युनिस्ट पार्टियां नजर आ रही है।