भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद जिले का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने की घोषणा की है। उनकी इस घोषणा के बाद मध्य प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद उनपर पलटवार किया भाजपा के नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि नाम बदलने में शक्ति और सभ्यता का एहसास होता है।
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उन्होंने कहा, "कौन था होशंगशाह? लुटरे के बारे में इतिहास पढ़ाओगे या अपना अतित दोहराओगे कि अमरकंटक से बहती है वो मां नर्मदा है, जो हर खेत को जल देती है वो मां नर्मदा है, जो हर गांव को पानी देती है वो नर्मदा है। जो राजधानी को भी जल देती है वो नर्मदा है। तुम ही तो इस नर्मदा की परिक्रमा करने की नौटंकी कर रहे थे। अब नर्मदा का नाम आया तो तुम्हारे पेट में दर्द होने लगा।"
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भाजपा नेता यहीं नहीं रुके, उन्होंने दिग्विजय को सलाह देते हुए कहा कि आप अपना नाम बदल लो, आप अपना नाम यूनूस रख लो और आप अपने नेता पप्पू भैया का नाम इस्माइल रख लो, वो मुस्कुराते रहेंगे तब समझ आएगा कि नाम बदलने का क्या होता है। नाम में सभ्यता का एहसास होता है, नाम में शक्ति का एहसास होता है। नाम में अपनत्व का एहसास होता है।
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आपको बता दें कि शुक्रवार शाम को भोपाल से लगभग 80 किलोमीटर दूर होशंगाबाद में आयोजित नर्मदा जयंती कार्यक्रम के दौरान की। नर्मदा के तट पर एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या सरकार को होशंगाबाद का नाम बदलना चाहिए। इस पर लोगों ने उनको हां में जवाब दिया। चौहान ने इसके आगे लोगों से से पूछा, ‘‘नया नाम क्या होना चाहिये? इस पर लोगों ने उत्तर दिया- ‘‘नर्मदापुरम’’। इसके बाद चौहान ने कहा कि अब हम केन्द्र को होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम करने का प्रस्ताव भेज रहे हैं।
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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने इस घोषणा को महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की सत्तारूढ़ भाजपा की चाल करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने सिर्फ मुग़लों से जुड़े नाम बदले, लेकिन ब्रिटिश शासकों से जुड़े नामों को नहीं बदला। मिंटो हॉल (पुराना विधानसभा भवन) का नाम क्यों नहीं बदला गया?’’ उन्होंने कहा कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है और इसकी बजाय विकास कार्यो और लोगों को मंहगाई से राहत देने पर सरकार को ध्यान देना चाहिये।
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