नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के विवाद में कूद गए हैं। मुरली मनोहर जोशी ने अपने ट्वीट संदेश में JNU के वाइस चांसलर को हटाने की बात कही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में मुरली मनोहर जोशी मानव संशाधन विकास मंत्री थे।
मुरली मनोहर जोशी ने JNU विवाद पर अपने ट्वीट संदेश में कहा ''इस तरह की रिपोर्ट्स हैं कि HRD मंत्रालय ने दो बार JNU के वाइस चांसलर को JNU में फीस वृद्धि के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक जायज वर्किंग फार्मूला लागू करने के लिए 2 बार कहा था। उसे (वाइस चांसलर) को छात्रों और अध्यापकों से मिलकर बात करने की सलाह भी दी गई थी। यह खौफनाक है कि वाइस चांसलर ने सरकार के आदेश को लागू नहीं करने का हठ अपनाया। यह नजरिया निंदनीय है और मेरी राय में ऐसे वाइस चांसलर को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।''
बता दें कि इससे पहले मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने कहा कि जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि शुल्क लागू नहीं किए जाने के छात्रों के दावे को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय शुक्रवार को फिर से जेएनयू कुलपति से बात करेगा।
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