इंदौर: बीजेपी के ‘बल्लामार’ विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार सुबह जेल से बाहर आ गए हैं। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि वह आगे भी जनता के लिए ऐसे ही काम करते रहेंगे। आकाश ने कहा कि “जिस तरह से एक-एक पल, एक-एक कण जनता की सेवा में लगाने की हमारी कोशिश रहती है, आगे और ज्यादा मजबूती मिली है इस एपिसोड के बाद।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी किया वह जनता के हित के लिए था। आकाश विजयवर्गीय बोले कि “काफी वक्त से इस तरह का माहौल बन रहा था कि जनप्रतिनिधी को नजरअंदाज किया जा रहा था। कई बार मैंने निवेदन किया था कि जनप्रतिनिधी को साथ में लेकर के कोई भी काम करें। लेकिन, पता नहीं क्यों जबसे कांग्रेस की सरकार आई है तबसे इस परिषद में जनप्रतिनिधी को नंजरअंदाज करने की प्रथा चल पड़ी है।”
अधिकारी की पिटाई करने को लेकर आकाश विजयवर्गीय ने ये भी कहा कि वह कोई गुस्सा नहीं थी बल्कि उन्होंने सबकुछ सोच-समझकर और अपने होश में रहते हुए किया था। उन्होंने कहा कि “आक्रोश में नहीं था, हमने सोच-समझकर, होशो-हवास में और पूरी जिम्मेदारी के साथ किया। देखिए, लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी होती है। लेकिन, लगता है कि अधिकारी भूल गए हैं कि वह जनता के सेवक हैं ना कि अपने ऊपर के अधिकारियों या सरकार के।”
बता दें कि उन्हें शनिवार को इंदौर की अदालत से जमानत मिली थी। आकाश विजयवर्गीय को नगर निगम अधिकारी की पिटाई और राज्य में बिजली कटौती को लेकर राजबाड़ा में विरोध प्रदर्शन के मामले में 20,000 और 50,000 रुपये के बांड पर अदालत से बेल दी गई। आकाश को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने इंदौर में जर्जर मकान गिराने गई नगर निगम की टीम के साथ विवाद के दौरान शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बल्ले से पीटा था।
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