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Hindi News भारत राष्ट्रीय केन्द्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं: सचिन पायलट

केन्द्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं: सचिन पायलट

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने देश की आर्थिक हालत पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये कोई खाका तैयार नहीं है।

BJP govt's faulty economic policies, financial mismanagement behind slump in economy: Sachin Pilot- India TV Hindi Image Source : PTI BJP govt's faulty economic policies, financial mismanagement behind slump in economy: Sachin Pilot

जयपुर: पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने देश की आर्थिक हालत पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार के पास अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिये कोई खाका तैयार नहीं है। पायलट ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं बहुत चिंतित हूं। सबको मालूम है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट तो हो रही है लेकिन चिंता मुझे इस बात की है कि गिरावट रूकने के बाद एक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये केंद्र सरकार के पास कोई रोड मैप तैयार नहीं है।” 

उन्होंने कहा कि अभी तक सिर्फ घोषणाएं हो रही हैं। इतने महीने निकल गये। प्रोत्साहन की घोषणाएं वित्तमंत्री ने कीं लेकिन धरातल पर छोटे उद्योगपतियों को, कारखाने चलाने वालों को, मध्यमवर्ग और वेतनभोगी श्रेणी के लोगों को आर्थिक मदद नहीं पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के आंकड़े बहुत चौंकाने वाले हैं लेकिन इसके भविष्य की जो कार्ययोजना है उसके बारे में केन्द्र सरकार को है न तो चिंता है और न ही उसने कोई ठोस नीति अभी तक बनाई है। 

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये सरकार को एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवित करने के लिये क्या कर सकते हैं इस पर सबकी राय लेनी चाहिए। आगामी संसद सत्र के दौरान प्रश्नकाल नहीं होने पर उन्होंने कहा कि सवाल पूछना सबसे बड़ा अधिकार होता है एक सांसद का आप उसको छीन रहे हैं तो फिर संसद चलाने का मतलब क्या है।

संसद के सत्र में प्रश्न काल नहीं करवाने का सरकार का यह गलत निर्णय है, सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। एक अन्य प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्पष्टता से देश को बताना चाहिए भारत-चीन सीमा विवाद मामले में अब तक क्या हुआ और आगे क्या करने वाले हैं।

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