कोलकाता: स्थानीय और भाजपा नेताओं ने धारा-144 का उल्लंघन करते हुए शुक्रवार को उन दो लोगों के शवों के साथ रैली निकाली, जिनकी उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा क्षेत्र में दो गुटों के बीच झड़प के दौरान गोलीबारी में मौत हो गई थी। क्षेत्र के हालात तभी से तनावपूर्ण बने हुए हैं। इलाके में धारा-144 लागू है और भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि झड़पों के संबंध में 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
भाजपा ने भाटपाड़ा में दो लोगों की हत्या के विरोध में मार्च निकाकर बैरकपुर पुलिस कमिश्नर कार्यालय का भी घेराव किया। बता दें कि यहां शुक्रवार को पुलिस और भाजपा के सदस्यों के बीच झड़पें भी हुईं। जिसके बाद घटना को लेकर विरोध तेज करते हुए भाजपा ने दिन में पश्चिम बंगाल के कई भागों में मार्च निकाले। शुक्रवार की घटना पर चिंता जताते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने सवाल उठाया कि तृणमूल सरकार क्षेत्र में शांति फिर से वापस लाने की इच्छुक है या नहीं।
सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस ओर विपक्षी भाजपा ने क्षेत्र में संकट पैदा करने के लिए एक दूसरे पर आरोप मढे है। वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद एस. एस. अहलूवालिया के नेतृत्व में भाजपा का तीन सदस्यीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को हिंसाग्रस्त भाटपाड़ा का दौरा करेगा और पार्टी अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक रिपोर्ट सौंपेगा।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने चिंता जताते हुए कहा ‘‘ न केवल भाटपाड़ा बल्कि पूरे राज्य में शांति बनाये रखने की आवश्यकता है।’’ भाटपाड़ा और जगद्दल क्षेत्रों में दुकानें और बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाओं पर भी अस्थायी रूप से रोक लगा दी गई है। वहीं, इसके लिए भाजपा ने राज्य प्रशासन पर ‘‘तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं’’ की तरह काम करने का आरोप लगाया।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने भाटपारा आगजनी घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की। राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को घटना में शामिल लोगों के खिलाफ ‘‘उनकी राजनीतिक पहचान का ख्याल किये बिना’’ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
(इनपुट-भाषा)
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