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अमित शाह ने जिस गरीब आदिवासी के घर किया भोजन, उसके घर में नहीं था शौचालय

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामाजिक समरसता कार्यक्रम के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज यहां पार्टी के आदिवासी एवं गरीब कार्यकर्ता के घर गये और वहां दोपहर का भोजन किया। यद्यपि इस आदिवासी के कच्चे मकान में शौचालय नहीं था, जिससे विपक्षी दल कांग्रेस ने स्

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भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामाजिक समरसता कार्यक्रम के तहत भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज यहां पार्टी के आदिवासी एवं गरीब कार्यकर्ता के घर गये और वहां दोपहर का भोजन किया। यद्यपि इस आदिवासी के कच्चे मकान में शौचालय नहीं था, जिससे विपक्षी दल कांग्रेस ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के प्रत्येक घर में शौचालय बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वपूर्ण योजना पर ही सवाल उठाना शुरू कर दिया है क्योंकि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित घर में शौचालय नहीं होने से इस परिवार के सदस्य आज भी खुले में शौच जाते हैं।

शाह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन प्रभारी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन एवं प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के साथ आज दोपहर रातीबड़ थानाक्षेत्र के सेवनिया गौड में रहने वाले आदिवासी कमल सिंह उइके 39 के घर गये और वहां जमीन पर बैठकर भोजन किया।

कमल के परिवार द्वारा उनके लिए विशेष तौर पर दाल-बाटी और चूरमा तैयार किया गया था। इसके अलावा, कढ़ी-चावल, पापड़, बैंगन का भर्ता, सलाद और परंपरागत मिष्ठान सीरा उनकी थाली में परोसा गया।

मध्यप्रदेश भाजपा ने एक विज्ञप्ति में बताया, ढ़ाई सौ घरों की बसाहट वाली सेवनिया गौड़ बस्ती के आदिवासी बंधु कमल सिंह उइके के खपरेल वाले टूटे-फूटे मकान में कदम रखने के बाद इस आदिवासी गौंड परिवार ने शाह को भोजन कराया। इसमें कहा गया है कि शाह द्वारा भोजन करने के आग्रह को स्वीकार करने से कमल गदगद हो गये और इस परिवार ने उन्हें आत्मीयता से भोजन कराया। इस दौरान, शाह ने कमल के परिवार से कुशलक्षेम पूछी।

कमल ने कहा, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाहजी मेरे खपरेल वाले घर में भोजन करने आये हैं। यह आदिवासी गौंड समाज के लिए गर्व की बात है। अपनी समस्याओं क जिक्र करते हुए कमल ने बताया, मैं मेहनत मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से आजीविका चला रहा हूं। मेरे परिवार में नौ सदस्य हैं, जिनमें तीन बच्चे हैं। हम सभी आज भी खुले में शौच जाते हैं।

उन्होंने कहा, मैंने कई महीने पहले भोपाल नगर निगम में आवेदन करके सरकार की योजना के तहत घर में शौचालय बनाने का निवेदन किया था, लेकिन अब तक शौचालय नहीं बन पाया है। शौचालय न बनाने पर जब भोपाल के महापौर आलोक शर्मा से फोन पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैंने भोपाल नगर निगम आयुक्त से इस बात की जानकारी मांगी है कि क्या उसने हकीकत में अपने घर में शौचालय बनाने के लिए आवेदन किया था।

वहीं, नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त एम पी सिंह ने बताया, जब हमें पता चला कि कमल के घर में शौचालय नहीं है, तो हमने इसकी जांच-पड़ताल के लिए तुरंत उसके घर एक टीम भेज दी। इसी बीच, शौचालय न होने के मुद्दे को राजनीतिक रंग देते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, मध्यप्रदेश को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा किये गए दावों की कलई उन्हीं के सामने खुल गई।

सिंह ने कहा कि दो दिन पहले यहां एक कार्यक्रम में शाह ने अन्य योजनाओं के साथ यह दावा किया था कि स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश में 143 शहर, 17,616 गांव और 11 जिले शौच से मुक्त घोषित हुए हैं जिसमें भोपाल जिला भी शामिल है। उन्होंने बताया, आज जब शाह भोपाल के समीप गांव में आदिवासी कमल के घर खाना खाने गए तो उसके घर में शौचालय नहीं था। उसने छह महीने से आवेदन दे रखा था। लेकिन अभी तक उसे शौचालय बनाने के लिए योजना का लाभ नहीं मिला। इस मिशन में प्रदेश को 427 करोड़ रूपये मिले हैं। जब भोपाल राजधानी में यह हालात हैं तो प्रदेश के गांव और अन्य शहरों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

वहीं, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने बताया, कमल के घर में शौचालय न होने का मामला राज्य सरकार के संज्ञान में आया है और वर्तमान में चल रही योजना के तहत उसके घर में जल्द ही शौचालय बना दिया जाएगा। पाराशर ने कहा कि जब तक शौचालय का निर्माण नहीं कराया जाता है, तब तक कमल के परिवार के सदस्य नगर निगम द्वारा इलाके में बने सामुदायिक शौचालय का इस्तेमाल करेंगे।

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