नयी दिल्ली: नोटबंदी की आलोचना के लिये राहुल गांधी पर हमला करते हुए भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय राजनीति में युद्ध चल रहा है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार कालाधन पर अंकुश लगाने के लिये काम कर रही है, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष उसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि गांधी की टिप्पणी और कुछ नहीं बल्कि झूठ का पुलिंदा है और लंबे समय से एक ही पटकथा से वह बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत प्रगति कर रहा है, जबकि गांधी परिवार पीछे छूट गया है। उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के कई फायदे हुए। इसमें कर देने वालों का दायरा बढ़ गया, कालाधन पर अंकुश लगा और नक्सलियों की कमर टूट गई। नोटबंदी के दो साल गुरुवार को पूरे हुए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी आलोचना में कहा था कि नोटबंदी सोच-समझ कर किया गया एक ‘क्रूर षडयंत्र’ था। यह घोटाला प्रधानमंत्री के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ का कालाधन सफेद करने की एक ‘धूर्त स्कीम’ थी। पात्रा ने कहा कि गांधी ने जो कुछ भी कहा है, वह हास्यास्पद है और उनकी ओर से एक और झूठ है। बड़ी कारों में चलने वाले धनी लोगों के चलन से बाहर किये गए नोटों को बैंक में जमा कराने के लिये कतार में खड़ा नहीं होने की गांधी की कथित टिप्पणी के लिये कांग्रेस अध्यक्षपर निशाना साधते हुए पात्रा ने कहा कि वह खुद इसके लिये एक बैंक के बाहर कतार में खड़ा हुए थे।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा कालाधन को बचाने के लिये काम करने वालों के खिलाफ जंग जीत रही है। उन्होंने कहा कि आयकर के छापे में 35000 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व की प्राप्ति हुई जबकि बेनामी संपत्ति के खिलाफ कानून से 4300 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा में 2009 की तुलना में 2017 में 60 फीसदी तक कमी आई। उन्होंने नोटबंदी को भी इसकी वजहों में से एक बताया। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि नोटबंदी के फैसले के बाद एक महीने में अधिकतम संख्या में माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया।
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