नई दिल्ली। लोकसभा में एक निजी विधेयक पेश किया गया है जिसमें सशस्त्र बलों के शहीदों के आश्रितों को दो करोड़ रुपये की सहायता राशि, नि:शुल्क रेलवे पास और सरकारी एवं निजी नौकरियों में पांच फीसदी तक आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले की ओर से यह निजी विधेयक पेश किया गया है। इसमें शहीदों के आश्रितों को अन्य कई सुविधाएं देने का प्रस्ताव किया गया है। लोकसभा में यह विधेयक पेश करते हुए सुप्रिया ने कहा कि ‘शहीदों के परिवारों को वित्तीय सहायता का भुगतान अधिनियम, 2019’ नाम का एक नया अधिनियम गठित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक वित्तीय सहायता भुगतान प्राधिकरण होना चाहिए, जो सशस्त्र बलों के शहीदों के आश्रितों के कल्याण और भुगतान संबंधी मुद्दों की निगरानी करेगा। विधेयक में सैनिकों की शहादत को मातृभूमि के लिए ‘‘सर्वोच्च बलिदान’’ करार देते हुए सुप्रिया ने कहा कि शहीदों के परिवारों को जरूरी सुविधाएं देना सरकार की न्यूनतम जिम्मेदारी है, ताकि उनके नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सके। इस विधेयक में कहा गया है कि कर्तव्य पालन के दौरान जान गंवाने वाले थलसेना, वायुसेना, नौसेना एवं तटरक्षक बल के सभी सैनिकों को ‘शहीद’ माना जाए।
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