नई दिल्ली: 2002 गुजरात दंगों में दुष्कर्म पीड़ित बिलकिस बानो को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने मंगलवार को गुजरात सरकार से कहा कि वह नियमों के मुताबिक बिलकिस बानो को एक सरकारी नौकरी और आवास मुहैया कराए।
इस दौरान अदालत ने गुजरात सरकार से कहा कि खुद को किस्मतवाला समझिए कि हम आपके खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। पहले गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
सुप्रीम कोर्ट में आज सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच ने मुआवजा राशि 10 गुना बढ़ा दिया।
बता दें कि गोधरा दंगों के वक्त अहमदाबाद के रंधिकपुर में 17 लोगों ने बिलकिस के परिवार पर हमला किया था। इस दौरान 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उस वक्त वे 5 महीने की गर्भवती थीं।
उनकी 2 साल की बच्ची को पीट-पीटकर मार दिया गया। बिलकिस बानो के परिवार के कुल 14 लोगों को उस दिन मौत के घाट उतार दिया गया था। तब बिलकिस बानो की उम्र सिर्फ 19 साल थी। बिलकिस बानो ने न्याय हासिल करने के लिए स्थानीय पुलिस, एनजीओ, सीजीआई से लेकर शीर्ष अदालत तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
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