पटना: बिहार में भारी बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पटना के जलमग्न क्षेत्रों में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में पूरी ताकत से जुटा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि आज रात से लोग काफी राहत महसूस कर सकेंगे। सुशील ने कहा कि अगले 24 घंटे के भीतर पटना शहर के जलमग्न क्षेत्रों से पानी निकाल दिया जाएगा।
आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने मंगलवार को बताया कि भारी वर्षा और बाढ़ से अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है। भारी वर्षा और बाढ़ से मरने वालों में भागलपुर में दस, गया में छह, पटना एवं कैमूर में चार—चार, खगड़िया और भोजपुर में तीन—तीन, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में दो—दो, पूर्णिया, जमुई, अरवल, बांका, सीतामढ़ी और कटिहार में एक—एक व्यक्ति शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से पटना के जलमग्न इलाकों में फंसे लोगों के बीच फूड पैकेट सहित अन्य आवश्यक सामग्री गिरायी जा रही है। गत 27 सितम्बर से राज्य में अप्रत्याशित वर्षा होने एवं नदियों के जल स्तर में वृद्धि से पटना, भोजपुर, भागलपुर, नवादा, नालन्दा, खगड़िया, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, जहानाबाद, अरवल, दरभंगा जिले मुख्य रूप से बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन जिलों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों की मदद से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
उधर, सोमवार रात अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को नीतीश कुमार सरकार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि बाढ़ राज्य प्रशासन के लिए उत्सव का अवसर बन गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेगूसराय सहित बिहार में बाढ़ राहत का काम एक बहुत बड़ा घोटाला बन गया है। जिला प्रशासन ने 2011 और 2014 के बीच लगभग 300 नौकाएं खरीदी थीं। इनमें से केवल कुछ ही काम के लायक हैं ।
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