दूर फंसे लोगों को घर लाने में परेशानी, बिहार, पंजाब, तेलंगाना और केरल ने की विशेष ट्रेन चलाने की मांग
लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों के अंतरराज्यीय आवागमन को केंद्र सरकार से मिली अनुमति के एक दिन बाद बिहार, पंजाब, केरल और तेलंगाना ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन कर्मियों की आवाजाही के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं, जबकि उत्तर प्रदेश ने कुछ निकटवर्ती राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए बसों का प्रबंध किया।
पटना/हैदराबाद: लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों के अंतरराज्यीय आवागमन को केंद्र सरकार से मिली अनुमति के एक दिन बाद बिहार, पंजाब, केरल और तेलंगाना ने बृहस्पतिवार को कहा कि इन कर्मियों की आवाजाही के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं, जबकि उत्तर प्रदेश ने कुछ निकटवर्ती राज्यों से प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए बसों का प्रबंध किया।
इस बीच, गुजरात के सूरत में फंसे 217 प्रवासी कर्मियों का पहला समूह 60 घंटे की लंबी यात्रा के बाद ओडिशा पहुंचा। गंजाम जिला कलेक्टर विजय अमृता कुलांगे ने बताया कि चार बसें गंजाम जिले के प्रवासी कर्मियों को लेकर बुधवार रात पहुंची और इन लोगों को एक केंद्र में पृथक-वास में रखा गया है। उन्होंने बताया कि इन सभी प्रवासी कर्मियों की प्राथमिक स्वास्थ्य जांच कर ली गई है। देशभर में लागू बंद की अवधि समाप्त होने से पहले केंद्र के फैसले ने लाखों प्रवासी कर्मियों को राहत दी है। ऐसे में वापस आने वाले कर्मियों के लिए पृथक-वास केंद्र एवं आश्रय गृह तैयार किए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश करीब 10 लाख लोगों के आने की तैयारी कर रहा हैं। बंद की अवधि तीन मई को समाप्त होनी है। राज्य सरकारों ने इन लोगों के आवागमन को समन्वित करने में मदद के लिए मानक प्रोटोकॉल बनाने की खातिर असैन्य एवं पुलिस प्रशासन से नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को बंद के कारण फंसे हुए प्रवासी कामगारों, छात्रों और तीर्थयात्रियों की देश के अंदर आवाजाही के लिये जारी नवीनतम दिशानिर्देश का “सख्ती से पालन” करना होगा।
केंद्र सरकार ने बुधवार को नए दिशानिर्देश जारी कर राज्यों को फंसे हुए छात्रों, प्रवासी कामगारों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को उनके गृह प्रदेश या गंतव्यों तक दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए ले जाने की इजाजत दे दी थी। संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि कुछ राज्यों और अन्य लोगों द्वारा की गई मांग के अनुरूप क्या विशेष ट्रेनों और निजी वाहनों की इजाजत भी इन लोगों के परिवहन के लिये दी जाएगी, केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि अभी जारी किये गए आदेश “बसों के इस्तेमाल और लोगों के समूह” के लिये हैं। अहमदाबाद में फंसे कुछ प्रवासी कर्मियों ने कहा कि उन्होंने घर वापसी के लिए अपना सामान बांधना आरंभ कर दिया है।
अहमदाबाद में रह रहे मध्य प्रदेश के मुरैना के मूल निवासी श्याम सिंह ने कहा, ‘‘बंद के बाद मेरे और मेरे परिवार के लिए जीवनयापन बहुत मुश्किल हो गया है, क्योंकि हमारे पास पैसे नहीं बचे है।’’ उसने कहा कि वह खुश है कि अब वह अपने गृह राज्य जा सकेगा। गुजरात सरकार ने इस आवागमन को सुगम बनाने के लिये बृहस्पितवार को 16 अफसरों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। इसके अलावा राज्य सरकार एक वेब पोर्टल भी शुरू करने जा रही है।
गुजरात में अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को वापस भेजने के प्रयास तेज कर दिये हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव :श्रम एवं रोजगार: विपुल मित्रा ने कहा कि करीब चार हजार प्रवासी श्रमिकों को राज्य के विभिन्न आश्रय गृहों में रखा गया है, जिन्हें जल्दी ही उनके संबंधित गृह राज्यों में भेज दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि उनमें से 2,300 अकेले उत्तर प्रदेश से हैं जबकि अन्य राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र के हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र से प्रवासी कर्मियों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का आग्रह किया।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे बंद के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मजदूरों के परिवहन के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रवासी मजदूरों की वापसी से जुड़ी प्रक्रिया के समन्वय के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। अकेले लुधियाना में सात लाख से अधिक प्रवासी मजदूर हैं, जबकि पूरे पंजाब में दस लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी डेटा जुटाया जा रहा है, हालांकि, पंजाब में लगभग 70 प्रतिशत मजदूर बिहार से हैं।
तेलंगाना के पशुपालन मंत्री टी श्रीनिवास यादव ने मांग की कि केंद्र प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों तक जाने के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम करे और उन्हें मुफ्त में घर पहुंचाए। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के करीब 15 लाख प्रवासी मजदूर हैं और यदि वे बसों से यात्रा करते हैं तो उन्हें अपने राज्यों में पहुंचने में तीन से पांच दिन लग जायेंगे।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासी कर्मियों की आवाजाही का प्रबंध करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाए जाने की पुन: मांग की हैं। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि मुख्य सचिव ने इस संबंध में केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा है। इससे पहले राज्य सरकार ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से दूसरे राज्यों से आने वाले कामगारों के लिए पृथक-वास केंद्र, आश्रय घर और सामुदायिक रसोइयां तैयार करने को कहा है। सीएम योगी ने प्रवासी कर्मियों से अपील की कि वे सब्र रखें और सरकार उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आपने अभी तक जिस धैर्य का परिचय दिया है, उसे बनाए रखें। संबंधित राज्यों की सरकारों से संपर्क कर सभी को घरों तक सुरक्षित पहुंचाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है, इसलिए आप जहां हैं, वहीं रहें। संबंधित राज्य सरकारों के संपर्क में रहें और पैदल यात्रा आरंभ नहीं करें।’’
हालांकि, राज्य सरकारें प्रवासी कर्मियों को वापस लाने की योजना बना रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि ये सभी लोग अब वापस आने के इच्छुक होंगे भी या नहीं, क्योंकि कुछ राज्यों ने तीन मई के बाद औद्योगिक गतिविधियां आरंभ करने की योजना बनाई है। उदाहरण के तौर पर, कर्नाटक सरकार ने चार मई से कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में औद्योगिक गतिविधियों की मंजूरी दे दी है। कर्नाटक सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों को अपने मूल स्थानों को जाने देने का बृहस्पतिवार को निर्णय लिया। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे सी मधुस्वामी ने बताया कि यह एकबारगी यात्रा होगी और सरकार जरूरतमंदों के लिए बसों का इंतजाम करेगी लेकिन खर्च उन्हें ही वहन करना होगा।