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Hindi News भारत राष्ट्रीय बिहार के सीएम नीतीश कुमार का दफ्तर होगा कुर्क? कुर्की करने पहुंचे बैंक अधिकारी, बकाया है 664 करोड़ रुपए

बिहार के सीएम नीतीश कुमार का दफ्तर होगा कुर्क? कुर्की करने पहुंचे बैंक अधिकारी, बकाया है 664 करोड़ रुपए

बिहार की राजधानी पटना में स्थित पुरानी सचिवालय इमारत की कुर्की और नीलामी करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश पटना सिविल कोर्ट ने बैंक का बकाया न जमा करने पर दिए हैं।

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नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में स्थित पुरानी सचिवालय इमारत की कुर्की और नीलामी करने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश पटना सिविल कोर्ट ने बैंक का बकाया न जमा करने पर दिए हैं। इस इमारत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार का कार्यालय भी है। कोर्ट के आदेश के बाद एक टीम मुख्य सचिव का कार्यालय कुर्क करने पहुंची थी।

कोर्ट ने वित्त विभाग के प्रधान सचिव, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव, सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव और निबंधक कोऑपरेटिव सोसायटी के कार्यालय की भी कुर्की का आदेश कोर्ट ने दिया है। अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने कोर्ट से आई टीम से एक सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया। इसके बाद कोर्ट की टीम ने कुर्की की कार्यवाही रोक दी और 25 जुलाई तक बकाया पैसा वापस दिलवाने का निर्देश दिया।

दरअसल, बिहार सरकार पर बिहार राज्य भूमि विकास बैंक समिति का 664.85 करोड़ रुपया बकाया है। इसकी वसूली के लिए बैंक ने पिछले साल कोर्ट में केस किया था। कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त तक मुख्य राशि 493.7 करोड़ रुपये में ब्याज की दर जोड़कर कुल राशि 664.85 करोड़ रुपये कर दी। पटना सिविल कोर्ट ने यह मुकदमा 2018 से चल रहा है।

इसी मामले की सुनवाई के दौरान पटना सिविल कोर्ट की इजरा मुंसिफ कोर्ट ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव स्तर के पांच अधिकारियों के कार्यालय की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया। मुख्य सचिवालय में कोर्ट के नाजिर (कोर्ट के अधिकारी) के साथ अधिकारियों की टीम ने पहले मुख्य सचिव के दफ्तर के बाहर नोटिस चिपकाया और वहां कुर्की की तैयारी करने लगी। उस समय मुख्य सचिव दीपक कुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक कार्यक्रम में थे।

बैंक की दलील है कि इस बिल्डिंग में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव के साथ कई कैबिनेट मंत्रियों, गृह सचिव और प्रमुख सचिव के कार्यालय भी हैं। बैंक का कहना है यह राशि सरकार के आदेश के बाद किसानों को कर्जमाफी और सब्सिडी के रूप में दी गई थी, लेकिन सरकार ने यह धनराशि बैंक को वापस नहीं लौटाई।

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