बिहार में एक और मॉब लिंचिंग, जमुई में युवक की पीट-पीटकर हत्या
बिहार के जमुई जिला में उन्मादी भीड़ ने कानून अपने हाथों लेते हुए एक और व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला है।
जमुई: बिहार के जमुई जिला में उन्मादी भीड़ ने कानून अपने हाथों लेते हुए एक और व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला है। जिला पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ जलारेड्डी ने गुरूवार को बताया कि मृतक का नाम अमर सिंह है । उन्होंने बताया कि अमर सिंह द्वारा बुधवार को अलीगंज बाजार में एक आटोरिक्शा चालक के साथ नोकझोंक के दौरान बबलू यादव नामक एक व्यक्ति पर गोलीबारी किए जाने से आक्रोशित भीड ने सिंह को पीट-पीट कर मार डाला ।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अमर सिंह का एक ऑटोरिक्शा चालक से झगड़ा हो गया, जिसमें यादव ने दखल दिया । दखल देने पर सिंह ने यादव पर गोली चला दी, जिससे उनका पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यादव पेशे से शिक्षक हैं । उन्होंने बताया कि स्थानीय दबंग के रूप में प्रसिद्ध सिंह इस वारदात के बाद आक्रोशित भीड को अपनी ओर आते देख घबराहट में पास के साइकिल मरम्मत की दुकान में शरण मांगी, लेकिन भीड़ ने उन्हें दुकान से बाहर खींच कर दुकान में पहले आग लगा दी और बाद पीट-पीटकर सिंह की हत्या कर दी ।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस घटना की जानकारी मिलने पर सिंह के कई समर्थक घटनास्थल पर पहुंच गए और हमलावरों से भिड़ गए पर तब तक एक पुलिस पार्टी मौके पर पहुंच गई और भीड़ को तितर-बितर कर दिया । उन्होंने बताया कि इस संबंध में अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और अलीगंज बाजार में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गयी है । अधिकारी ने बताया कि बबलू यादव के इलाज के लिए दूसरे जिले में चले जाने के कारण इस मामले में उनकी तरफ से प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है वहीं दूसरी ओर सिंह के निकट संबंधी उनके अंतिम संस्कार में व्यस्त हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दोनों पक्षों का बयान दर्ज किए जाने के बाद प्राथमिकी दर्ज करेंगे और जांच शुरू करेंगे।
गौरतलब है कि हाल के दिनों में उन्मादी भीड़ के कानून अपने हाथ में लेने की प्रदेश में यह तीसरी घटना है। पिछले सप्ताह भैंस चोरी करने का आरोप लगाकर सारण जिले में उन्मादी भीड ने तीन लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था । इस हफ्ते की शुरुआत में नवादा जिले में डायन होने का आरोप लगाते हुए उन्मादी भीड ने एक 50 वर्षीय महिला की पीट पीटकर हत्या कर दी थी । विपक्षी दलों ने बिहार में सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा सरकार पर उन्मादी भीड़ के कानून अपने हाथ लेने की ऐसी वारदातों पर रोक लगाने में विफल रहने का आरोप लगाया है।