नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका में बुधवार की शाम एक पुरानी रंजिश की वजह से एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मोटर साइकिल सवार तीन लोगों ने एक कार पर अंधाधुंध फायरिंग की थी और कार में बैठे शख्स को निशाना बनाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था लेकिन बीच सड़क सरेशाम मर्डर की ये कहानी सिर्फ इतनी नहीं है। इस मर्डर के पीछे की वजह जब आपके कानों तक पहुंचेगी तो आप भी चौंक जाएंगे। मरने वाले की पहचान सीवान के गैंगस्टर फिरोज खान के रूप में हुई है।
इस गैंगस्टर को निशाना बनाने वाले भी कुख्यात गैंगस्टर्स हैं। उन्होंने फिरोज़ पर जानलेवा हमला किया, भागे लेकिन थोड़ी ही दूरी पर पुलिस चेंकिंग में गैंगस्टर के गुर्गे पकड़े गए और मर्डर का पूरा मामला परत दर परत खुलता चला गया। दरअसल पूरा मामला आपसी रंजिश का है। पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि शूटआउट में मारे गए फिरोज पर बिहार के सिवान में कई मुकदमे दर्ज हैं और वो पहले बिहार के बाहुबली नेता शाहबुद्दीन के साथ काम करता था।
बिहार में फिरोज और रईस के लोगों के बीच काफी समय से गैंगवॉर भी चल रही थी जिसमें दोनों तरफ के कई लोग पहले ही मारे जा चुके हैं। फिरोज की हत्या सुपारी किलिंग का नतीजा है जिसके पीछे रईस का हाथ था। रईस इन दिनों जेल में सजा काट रहा है और फिरोज कुछ साल पहले ही बिहार से दिल्ली आया था। रईस ने अपने खास गुर्गे संजय के जरिये फिरोज़ की हत्या की साज़िश रची। रईस ने दो शार्प शूटर्स शाबीर हुसैन और अमजद अली को मर्डर की सुपारी दी। फिरोज़ के मर्डर के लिए दोनों को 1-1 लाख रुपये दिए गए थे।
जानकारी के मुताबिक शार्प शूटर्स को संजय नाम का आरोपी दो दिन पहले दिल्ली लाकर महिपालपुर के एक होटल में ठहराया था। इसके बाद फिरोज खान की रेकी की गई और बुधवार को मौका मिलते ही उसे बीच सड़क पर घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया गया। खबरों के मुताबिक जिस वक्त फिरोज की हत्या को अंजाम दिया गया उस वक्त संजय भी वहां मौजूद था। वारदात के बाद फिरोज की कार लेकर संजय मौके से फरार हो गया जबकि दोनो शूटर्स अरेस्ट हो गए। आरोपी दो दिन पहले ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली आए थे। पुलिस को फिरोज़ की गाड़ी एक सुनसान जगह पर मिली। पुलिस इस मर्डर के मुख्य आरोपी संजय की तलाश में जुटी हुई है।
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