नई दिल्ली: बिहार के मोतिहारी में हुआ बस हादसा बड़ी मिस्ट्री बन गया है। महज दस घंटे में हादसे की पूरी कहानी बदल गई है। जिस तरह से बस हादसा हुआ, उसमें आग लगी कहा जाने लगा कि हादसे में सत्ताईस यात्रियों की मौत हो गई। यही नहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौन तक रख डाला। बिहार सरकार ने मुआवजे का ऐलान भी कर दिया लेकिन रात होने के बाद पूरा मामला ही बदल गया। खुलासा हुआ है कि हादसे में किसी की जान ही नहीं गई। कोई शव मौके से बरामद नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि हादसे को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई गई?
बिहार से दिल्ली आ रही बस गड्ढे में गिरते ही पलट गई और देखते ही देखते आग की लपटों ने इसे अपनी चपेट में ले लिया। बस पलटने के बाद जो चिंगारियां उठी उसने देखते ही देखते भीषण लपटों का रूप ले लिया। आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े लेकिन लपटों के आगे सब बेबस नजर आए। कहा गया कि बस में इतनी भीषण आग लगी थी कि उसमें सवार कुछ लोग ही जान बचाकर बाहर आ पाए बाकी सारे लोग बस में ज़िंदा जल गए।
हादसे की खबर आग की तरह सीएम तक पहुंची तो उन्होंने घटना को लेकर शोक प्रकट किया, मौन तक रखा और तो और बिहार सरकार की तरफ से मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मुआवजे का ऐलान तक कर दिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह घायलों से मिलने अस्पताल तक पहुंच गए लेकिन बर्निंग बस हादसे में इसके बाद जो हुआ, वो चौंकाने वाला था। जांच में खुलासा हुआ कि बस में सवार सभी यात्री सुरक्षित है। पुलिस के मुताबिक बस के अंदर से कोई शव नहीं मिला। FSL की टीम बस की जांच कर रही है।
सवाल ये है कि अगर हादसे में किसी की मौत नहीं हुई तो सीएम से लेकर डिप्टी सीएम और बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई। शोक प्रकट कर दिया, मुआवजे का ऐलान कर दिया। पहले मामले की जांच होने देते उसके बाद कोई ऐलान करते। इस प्राइवेट बस में मुजफ्फरपुर में 13 यात्री सवार हुए थो। हादसे के वक्त 8 को बचा लिया गया जिनका इलाज चल रहा है। पांच में से चार लोगों से पुलिस ने संपर्क कर लिया है। सिर्फ एक शख्स से संपर्क नहीं हो पा रहा है। बस में सवार एक यात्री ने भी कहा था कि तेरह लोग ही बस में सवार थे।
शुरुआती जांच के मुताबिक इस प्राइवेट बस में 32 यात्रियों ने अपनी सीट बुक कराई थी जिसमें से केवल 13 यात्री मुजफ्फरपुर से चढ़े थे। बाकी यात्रियों को गोपालगंज से बस पकड़नी थी लेकिन बीच रास्ते में ही वो हादसे का शिकार हो गई। जो बस हादसे का शिकार हुई थी वो मुजफ्फरपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। पटना से 75 किलोमीटर दूर कोटवा इलाके में हाईवे पर ये हादसा हो गया।
बस हादसे का उस वक्त शिकार हुई थी जब बाइक सवार को बचाने की कोशिश कर रहा था। गढ्डे में गिरने के बाद बस पलट गई और उसमें आग लग गई। हादसे को लेकर जितनी फुर्ती दिखाई गई उससे तो यहीं लगता है कि सरकार नहीं चाहती थी कि कोई उसपर सवाल उठाए इसलिए मामले की जांच होने से पहले ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई जबकि जांच से साफ हो गया कि बस में किसी की मौत हुई ही नहीं।
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