INDIA TV पर बड़ा खुलासा: कश्मीर में काम करने गए लोगों को पत्थरबाज़ बनाने की साज़िश
कश्मीर में दूर दूर से रोजी रोटी की तलाश में आए मासूम लोगों को जबरदस्ती पत्थरबाजी गैंग का हिस्सा बनाया जाता है। रोजी रोटी की तलाश में आए लोगों को एनकाउंटर साइट्स पर भेजते हैं
नई दिल्ली: कश्मीर में दूर दूर से रोजी रोटी की तलाश में आए मासूम लोगों को जबरदस्ती पत्थरबाजी गैंग का हिस्सा बनाया जाता है। रोजी रोटी की तलाश में आए लोगों को एनकाउंटर साइट्स पर भेजते हैं....और फिर उनके हाथ में पत्थर देकर उनसे सेना और सुरक्षाबलों के जवानों पर पथराव कराया जाता है। इंडिया टीवी संवाददाता अमित पालित और हिमा अग्रवाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत में उन लोगों से मिले...जो कुछ दिन पहले ही पुलवामा के पत्थरबाज़ गैंग से अपनी जान बचाकर लौटे।
दरअसल ये वो लोग थे जो कश्मीर के पुलवामा में काम के सिलसिले में गए थे। ये लोग एक कपड़े की फैक्ट्री में सिलाई का काम कर रहे थे लेकिन पुलवामा की जिस फैक्ट्री में ये लोग रुके थे उसके मालिक की असलियत कुछ और थी। वह पत्थरबाज था और इन लोगों को भी पत्थरबाज बनाने की कोशिश की। कश्मीर से लौटे इन लोगों का दावा है कि फैक्ट्री का मालिक इन्हें कुछ दिन पहले बाहर घुमाने के बहाने एनकाउंटर साइट पर ले गया। एनकाउंटर साइट पर इनसे पत्थरबाजी करने के लिए कहा गया।
बागपत के रहनेवाले एक शख्स ने ये पूरा वाकया इंडिया टीवी के कैमरे पर बताया। इस शख्स ने कहा कि वह पैसे कमाने के लिए कश्मीर गया था। शुरुआत में सब लोग अच्छे थे लेकिन धीरे धीरे अपने असली रूप में आ गए। हमें जबरदस्ती पत्थरबाजी करने के उकसाया गया। दनदनाती गोलियों के बीच ले गए और फिर कहा...'चलो...तुम भी पत्थर मारो।'
इसने बताया कि जब सुरक्षाबलों पर पत्थर चलाने से इनकार दिया तो इसे इसकी सजा दी गई। इन लोगों को खूब भद्दी-भद्दी गालियां दी गईं। बेइज्जत किया गया। इतना परेशान किया गया कि कई बार ये रो पड़े। जो लोग इनसे प्यार से बात करते थे वो अब उनके दुश्मन बन गए। उन्हें रोजाना गालियां देने लगे।
इस शख्स का दावा है कि इसे और इसके साथियो को धर्म के नाम पर भी सेना के ऊपर पथराव के लिए उकसाया गया। इस शख्स का कहना है कि जब इन्होंने पत्थरबाज़ी करने से इनकार कर दिया तो फिर फैक्ट्री के मालिकों ने धर्म के नाम पर बरगलाना शुरु किया। कहा मुसलमान को मुसलमान का साथ देना चाहिए...लेकिन वो किसी कीमत पर पत्थरबाज़ी के लिए राज़ी नहीं हुए।
इस शख्स का ये भी दावा है कि जब सारे हथकंडे आजमा लिए गए और जब कश्मीर के उन लोगों को लगने लगा कि अब वो इनकी बातों में नहीं आएंगे तो फिर इन लोगों ने अपने तेवर बदल दिए। इन लोगों ने बदसलूकी करना शुरु कर दिया। पत्थर नहीं चलाए तो टॉयलेट तक साफ करवाया गया। कारीगर नहीं...बल्कि नौकरों जैसा बर्ताव किया।
हालांकि इस शख्स ने बताया कि कश्मीर का हर इंसान ऐसा नहीं है। कश्मीर में माहौल बिगाड़ने वाले लोग हैं...तो मदद करनेवाले भी मौजूद हैं। इस शख्स के मुताबिक पुलवामा के लासीपोरा में ही कुछ लोकल शॉपकीपर्स ने इनकी मदद की...इन्हें वहां से भगाने का इंतजाम किया।